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रवि पुष्य नक्षत्र के सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी रामनवमी, 24 घंटे रवि पुष्य योग

भोपाल: इस नवरात्र में ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति की बदौलत हर दिन शुभ योग है। इसके चलते प्रॉपर्टी, वाहन और अन्य चीजों की खरीदारी के लिए नवरात्र में हर दिन शुभ मुहूर्त है। ज्योतिषियों के मुताबिक, देवी आराधना के नौ दिनों के दौरान की गई खरीदारी से समृद्धि और सुख बढ़ता है। नवरात्र में खासतौर से भूमि-भवन और वाहनों की खरीदी-बिक्री शुभ मानी जाती है। यही नहीं, इस साल तिथियों की घट-बढ़ नहीं होने से देवी आराधना के लिए पूरे नौ दिन मिले हैं। यह अपने आप में शुभ संयोग है।

रामनवमी तक हर दिन शुभ मुहूर्त

इस बार घट स्थापना तीन राजयोगों और शुभ मुहूर्त में हुई है। साथ ही रामनवमी तक खरीदारी के लिए सर्वार्थसिद्धि, पुष्य नक्षत्र, बुधादित्य, शोभन, पद्म और रवियोग जैसे खास मुहूर्त बने हैं। इन संयोगों में प्रॉपर्टी, वाहन, फर्नीचर, भौतिक सुख-सुविधाओं के सामान और मांगलिक कामों के लिए खरीदारी शुभ रहेगी।
पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा गया है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और अधिष्ठाता देव बृहस्पति हैं इसलिए यह नक्षत्र सर्वसिद्धिदायक कहा गया है। पुष्य को ऋ ग्वेद में तिष्य अर्थात् शुभ या मांगलिक तारा कहा गया है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा स्वराशि कर्क में होता है। चंद्र धन का देवता है इसलिए पुष्य नक्षत्र में स्वर्णाभूषण, भूमि, भवन, संपत्ति आदि खरीदने का महामुहूर्त होता है।

अष्टमी-नवमी पर शुरुआत शुभ

चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा, अष्टमी, नवमी तिथि नई शुरुआत और खरीदी-बिक्री के लिए शुभ होती है। अश्विनी, रोहिणी, मृगशिरा और पुष्य नक्षत्र खरीदारी के लिए शुभ माने जाते हैं। इन तिथि-नक्षत्रों में नई शुरुआत में सफलता मिलना लगभग तय होता है।

इनकी खरीदारी फलदायी

नवरात्र के दौरान बन रहे शुभ योगों में वाहन, संपत्ति, आभूषण, कपड़े, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों की खरीदारी की जा सकती है। ये नौ दिन संसार की रचना करने वाली शक्ति का पर्व है। इसलिए सांसारिक उपभोग के साधन और भौतिक सुख-सुविधाओं की खरीदारी की जा सकती है। इन दिनों में शस्त्र, औजार और ऊर्जा देने वाली चीजों की खरीदारी भी शुभ होता है।

इस साल चार रवि पुष्य का योग

इस बार नवरात्रि के आखिरी दिन यानी रामनवमी पर रवि पुष्य योग बनेगा। इससे पहले ऐसा शुभ संयोग 1 अप्रैल 2012 को बना था। जब रवि पुष्य योग पर चैत्र नवरात्र खत्म हुए थे। 10 अप्रैल, रविवार को सूर्योदय के साथ पुष्य नक्षत्र शुरू होगा, जो अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा। इस साल चार रवि पुष्य रहेंगे। लेकिन उनमें ये ही एक ऐसा है जो पूरे 24 घंटे रहेगा। ये खरीदारी का अबूझ मुहूर्त भी होगा। इसके बाद 6 अप्रैल 2025 को फिर ऐसा शुभ योग बनेगा।

किस दिन कैसा संयोग

8 अप्रैल,शुक्रवार: बुधादित्य, शोभन, पद्म योग बनने से इस दिन ज्वेलरी, सुख-सुविधा फर्नीचर, सजावटी सामान की खरीदारी करना शुभ रहेगा।

9 अप्रैल, शनिवार: अष्टमी को पुनर्वसु नक्षत्र से छत्र योग बन रहा है। घर, होटल या अपार्टमेंट के लिए प्रॉपर्टी खरीदारी, निर्माण शुभ रहेगा।

10 अप्रैल, रविवार: सर्वार्थसिद्धि, रवि पुष्य और रवियोग होने से हर तरह के शुभ काम के लिए ये दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा।

पुष्य नक्षत्र में क्या करें

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पूजन पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होगी। जीवन में सदाचार, आपसी प्रेम में वृद्धि होगी। संयम, धैर्य और सहनशीलता के गुण विकसित होंगे।

इस दिन चैत्र नवरात्रि का समापन होगा। मां दुर्गा के निमित्त हवन आदि करने से सुख-समृद्धि, धन-धान्य की प्राप्ति होगी।

पुष्य नक्षत्र में वाहन, भूमि, भवन, आभूषण खरीदने से स्थायित्व में वृद्धि होगी।

पुष्य नक्षत्र को पुष्ट करने वाला कहा गया है। इसलिए इस नक्षत्र में जो कार्य प्रारंभ किया जाता है वह पुष्ट होकर उसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।
इस दिन नई दुकान, प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना शुभ रहेगा।

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