राम रहीम एक बार फिर आया जेल से बाहर, हरियाणा सरकार ने दी 21 दिन की पैरोल

नई दिल्ली : डेरा सच्चा सौदा के मुखिया और रेप केस की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह पर फिर हरियाणा सरकार ने मेहरबानी दिखाई है। 21 दिनों की फरलो पर वह फिर जेल से बाहर आ गया है। राम रहीम को सुनारिया जेल से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय के लिए रवाना किया गया। राम रहीम की रिहाई की खबर सामने आते ही चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है। उसके अनुयायियों में हर्ष का माहौल है।
इससे पहले 28 जनवरी को डेरा प्रमुख को 30 दिनों के पैरोल पर रिहा किया गया था और 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से आठ दिन पहले रिहा किया गया था। 28 फरवरी को पैरोल खत्म होने के बाद उसे वापस सुनारिया जेल लाया गया था। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा में चुनाव से तीन दिन पहले उन्हें 20 दिन की पैरोल दी गई थी। जेल अधिकारियों के अनुसार, गुरमीत राम रहीम को बुधवार सुबह रिहा कर दिया गया और वह सिरसा स्थित डेरे के मुख्यालय के लिए रवाना हो गया, जहां वह 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से दूसरी बार जा रहा है। नाम न बताने की शर्त पर जेल अधिकारी ने कहा, “इस बार वह सिरसा स्थित डेरे में 21 दिन की छुट्टी बिताएगा।”
ज्यादातर मौकों पर गुरमीत राम रहीम की पैरोल और छुट्टी चुनाव के साथ ही हुई है। पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव से तीन दिन पहले उसे 20 दिन की पैरोल दी गई थी। पिछले साल जनवरी में उन्हें 50 दिनों के लिए और फिर 13 अगस्त 2024 को 21 दिनों के लिए रिहा किया गया था। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले नवंबर 2023 में उन्हें 29 दिन की पैरोल मिली थी और हरियाणा में पंचायत चुनाव से पहले जुलाई 2023 में 30 दिन की पैरोल पर बाहर था। अक्टूबर 2022 में हरियाणा में आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले उन्हें 40 दिन की पैरोल मिली थी।
इसके अलावा, हरियाणा नगर निगम चुनाव से पहले जून 2022 में उन्हें 30 दिन की पैरोल और पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले फरवरी 2022 में 21 दिन की फरलो मिली थी। 24 अक्टूबर 2020 को गुरमीत राम रहीम को गुरुग्राम के अस्पताल में अपनी बीमार मां से मिलने के लिए सूर्योदय से सूर्यास्त तक जेल से रिहा किया गया था।
आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम बलात्कार और हत्या मामलों में सजा काट रहा है। इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने मेहरबानी दिखाई है। हर महत्वपूर्ण चुनावों से पहले उसकी रिहाई को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
आपको बता दें कि राम रहीम की बार-बार होने वाली जेल से रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। हालांकि, देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। यह याचिका शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने दायर की थी जिसमें राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के हरियाणा सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा था कि यह याचिका व्यापक जनहित के मुद्दे को संबोधित करने के बजाय सिर्फ एक शख्स के खिलाफ है। आपको बता दें कि एसजीपीसी ने इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का भी रुख किया था।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने यह आरोप लगाया गया था कि हरियाणा सरकार राम रहीम को अस्थायी रिहाई देते हुए हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 की धारा 11 के तहत अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही थी। एसजीपीसी के वकील ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने 2022 और 2024 के बीच सिंह को बार-बार पैरोल या फरलो दिया।