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राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का हुआ अंतिम संस्कार, गॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई विदाई

नई दिल्ली: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार शाम मध्य मुंबई स्थित एक शवदाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान मुंबई पुलिस ने उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर और श्रद्धांजलि दिया। बता दें कि वर्ली स्थित शवदाह गृह में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा समेत उनके परिवार के अन्य सदस्य और टाटा समूह के लोग मौजूद रहें।

गॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई विदाई
मुंबई पुलिस ने रतन टाटा को गॉर्ड ऑफ ऑनर और श्रद्धांजलि दी। यह आयोजन उनके अंतिम संस्कार के दौरान किया गया, जिसमें कई महत्वपूर्ण लोग शामिल हुए। इस दौरान रतन टाटा के परिवार के सदस्य, टाटा समूह के अधिकारी और प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी वहां उपस्थित थीं। वहीं इस मौके पर केंद्रीय गहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे समेत कई लोग वहां मौजूद रहें। यह दिखाता है कि रतन टाटा की कितनी बड़ी हस्ती थे और उनके प्रति कितनी श्रद्धा थी। गॉर्ड ऑफ ऑनर का यह समारोह रतन टाटा के जीवन और उनके कार्यों के प्रति सम्मान का प्रतीक था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने समाज में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी परंपरा के अनुसार करना उनकी सांस्कृतिक पहचान और परिवार की परंपराओं का सम्मान है। उनके सौतेले भाई नोएल टाटा और परिवार के अन्य सदस्य इस महत्वपूर्ण समय में उनके साथ रहे। धार्मिक अनुष्ठान, जो तीन दिन तक चलने वाले हैं, इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जो श्रद्धांजलि अर्पित करने और आत्मा की शांति के लिए होते हैं। इस तरह के आयोजनों में परिवार और करीबी लोग एकजुट होकर अपनी भावनाओं को साझा करते हैं।

PM मोदी का भावुक पोस्ट
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भावुक पोस्ट उनके प्रति गहरी श्रद्धांजलि है। उन्होंने उन्हें एक दूरदर्शी नेता और असाधारण इंसान के रूप में याद किया, जो अपने काम और विचारों से समाज पर बड़ा प्रभाव डाल गए। मोदी जी ने रतन टाटा के नेतृत्व को भी सराहा, जिसे उन्होंने भारत के प्रतिष्ठित व्यापारिक घराने को स्थिरता और दिशा देने में महत्वपूर्ण बताया। यह श्रद्धांजलि उनके योगदान और उनके मानवीय गुणों को उजागर करती है, जो उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बनाते हैं।

मुलाकातों की यादें
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी अनगिनत मुलाकातों का उल्लेख करते हुए रतन टाटा की दूरदर्शिता और मानवता के प्रति उनके समर्पण को सराहा। उन्होंने यह भी बताया कि रतन टाटा का सपना देखना और दूसरों की भलाई के लिए काम करना उनके व्यक्तित्व का एक खास पहलू था। मोदी ने रतन टाटा के साथ विचारों के आदान-प्रदान को अपने लिए बहुत उपयोगी बताया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रतन टाटा का प्रभाव न केवल व्यवसायिक क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी गहरा था। उनकी सोच और दृष्टिकोण ने न केवल भारतीय उद्योग को बल्कि समाज को भी प्रेरित किया।

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