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RBI ने इस बैंक पर लगाई पाबंदी, ग्राहकों के पैसे निकालने पर भी लगी रोक

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गुजरात के वलसाड में स्थित वलसाड महिला नागरिक सहकारी बैंक की बिगड़ती वित्तीय हालत को देखते हुए उस पर कड़े नियामकीय प्रतिबंध लगा दिए हैं। RBI द्वारा जारी ये ‘डायरेक्शंस’ गुरुवार को कारोबार बंद होने के बाद से लागू हो गए हैं और अगले छह महीनों तक प्रभावी रहेंगे। इन निर्देशों के तहत बैंक के ग्राहक अब अपने खातों से किसी भी तरह की राशि नहीं निकाल सकेंगे।

बैंक पर लगी अहम पाबंदियां
केंद्रीय बैंक के आदेश के अनुसार, वलसाड महिला नागरिक सहकारी बैंक अब RBI की पूर्व अनुमति के बिना न तो कोई नया कर्ज दे सकेगा और न ही पुराने कर्जों का नवीनीकरण कर पाएगा। इसके अलावा बैंक किसी भी प्रकार का निवेश नहीं कर सकेगा, नई देनदारी नहीं लेगा और न ही अपनी किसी संपत्ति की बिक्री या ट्रांसफर कर पाएगा।

RBI ने बैंक की मौजूदा लिक्विडिटी को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों को बचत, चालू या किसी अन्य खाते से धन निकासी की अनुमति नहीं दी है। हालांकि, जमा राशि के बदले ऋण का समायोजन (सेट-ऑफ) करने की छूट बैंक को दी गई है।

RBI ने सख्त कदम क्यों उठाया?
आरबीआई के मुताबिक, हाल के घटनाक्रमों के बाद बैंक को लेकर गंभीर सुपरवाइजरी चिंताएं सामने आई थीं। जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई जरूरी हो गई। केंद्रीय बैंक ने बताया कि उसने पहले बैंक के बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के साथ मिलकर कामकाज सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन ठोस और प्रभावी सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते सख्ती करनी पड़ी।

जमाकर्ताओं के लिए क्या राहत?
RBI ने साफ किया है कि इन निर्देशों का मतलब बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाना नहीं है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक सीमित बैंकिंग सेवाएं RBI की शर्तों के तहत जारी रखेगा। इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने जमाकर्ताओं को राहत देते हुए कहा है कि पात्र खाताधारकों को DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) के तहत प्रति जमाकर्ता अधिकतम ₹5 लाख तक की जमा राशि का बीमा कवर मिलेगा। RBI ने भरोसा दिलाया है कि वह बैंक की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जमाकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर जरूरी कदम उठाता रहेगा।

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