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वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों में 28 फीसदी की बढ़ोतरी: आरबीआई

मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों और वित्तीय संस्‍थानों में धोखाधड़ी के मामलों में 28 फीसदी की वृद्धि हुई है।

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख या उससे अधिक की धोखाधड़ी के मामले, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 6,799 थे, जो 2019-20 मैं बढ़कर 8,707 हो गए। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में 159 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि वित्तीय संस्थानों और बैंकों में धोखाधड़ी के कुल मामलों में से 50.7 फीसदी मामले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के थे। सभी धोखाधड़ी मामलों में शामिल राशि वित्तीय वर्ष 2018-9 में 71,543 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी, जो 2019-20 मैं बढ़कर 1,85,644 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

इन धोखाधड़ी मामलों में शामिल कुल राशि में से 80 फीसदी यानी 1,48,400 करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के थे। निजी क्षेत्र के बैंकों में इस दौरान 3,066 धोखाधड़ी के मामलों को देखा, जिसका अनुपात 34,211 करोड़ रुपये था।

रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा धोखाधड़ी और उनके पता लगाने की तारीख के बीच औसत अंतराल 2019-20 के दौरान 24 महीने थी। आरबीआई ने कहा कि बड़े धोखाधड़ी में जिसमें शामिल राशि 100 करोड़ रुपये और उससे अधिक है, जो औसत अंतराल 63 महीने थी।

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