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अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहायक होंगे रिजर्व बैंक के कदम: नड्डा


नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आज घोषित कदमों को व्यापारियों एवं आम जनता को राहत पहुंचाने वाला बताया और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने एवं रोजगार बढ़ाने की दिशा में ये मील का पत्थर साबित होंगे। श्री नड्डा ने यहां एक बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप उठाये गये कदम हैं जो व्यापार और देश की आम जनता के अनुकूल है। रिजर्व बैंक ने विगत 27 मार्च को भी इस दिशा में कुछ बड़े कदम उठाए थे। महामारी के दौरान और उसके बाद अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए ये कदम मील का पत्थर सिद्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में देश के गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और उद्योगों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है और इस दिशा में समय से पहले ही कई राहत कदमों को उठाया गया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा लघु एवं मध्यम गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये, किसानों की मदद के लिए नाबार्ड को 25,000 करोड़ रुपये, सिडबी को स्टार्ट-अप और लघु एवं मध्यम उद्यमों को ऋण देने के लिए 15,000 करोड़ रुपये और ‘सबके लिए घर’ योजना के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक को 10,000 करोड़ रुपये की शुरूआती मदद अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार सृजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कोविड-19 से उत्पन्न इस विषम परिस्थिति के दौरान अर्थव्यवस्था को इस संकट में निपटने में मदद करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। क्रेडिट प्रवाह में सुधार और अर्थव्यवस्था में तरलता प्रदान करने के रिजर्व बैंक की आज की घोषणाओं से भारतीय लोगों की आजीविका की रक्षा करने में मदद मिलेगी। भाजपा अध्यक्ष ने रिजर्व बैंक द्वारा रिवर्स रेपो रेट में 0.25 बेसिस पॉइंट की कटौती को भी एक सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध रहेगी और वे अधिक कर्ज दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनियों में जब पैसे जाएंगे तो उनका विस्तार होगा और इस तरह अतिरिक्त रोजगार पैदा होंगे।

श्री नड्डा ने कहा कि माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस को टीएलटीआरओ के माध्यम से दिए गए 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता का सबसे ज्यादा फायदा छोटे उद्योगों और कारोबारियों को मिलेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिल सकेगी। साथ ही नाबार्ड और सिडबी को भी दी गई सहायता ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारों को बढ़ावा देगी और किसानों की स्थिति सुदृढ़ होगी।

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