जीवनशैलीस्वास्थ्य

जोड़ों का दर्द के कारण, उपाय, कैसे सर्दियों में रखें विशेष ध्यान

जोड़ों का दर्द (Joint pain )के कारण उपाय कैसे सर्दियों में रखें विशेष ध्यान, जोड़ ऐसा है जहां दो या अधिक हड्डियां मिलती हैं। जोड़ों के दर्द को कभी-कभी अर्थराइटिस या अर्थरैलजिया कहते हैं। जोड़ों का दर्द सामान्य से गंभीर होता है।

जब आप अपने जोड़ों को हिलाते हैं ये दर्द तब-तब होता है । सामान्य दर्द को तो आप खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर ठीक कर सकते हैं लेकिन गंभीर दर्द के लिये उपचार की आवश्यकता होती है।

एक अनुमान के अनुसार हर चार में से एक व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान होता है। यह महिलाओं को अधिक होती है समस्या पुरुषों की तुलना में।

क्यों होता है जोड़ों का दर्द

कईं कारण जोड़ों में दर्द (Joint pain ) होने के हो सकते हैं जिनमें बोन फ्लूइड् या मेंम्ब्रेन में परिवर्तन आ जाना। चोट लगना या अंदर किसी बीमारी का पनपना।

हड्डियों का कैंसर, अर्थराइटिस, मोटापा, ब्लड कैंसर, उम्र बढऩे के साथ जोड़ों के बीच के कार्टिलेज कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लुब्रीकेंट कम होना। लिगामेंट्स की लंबाई और लचीलापन भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से जोड़ अकड़ जाते हैं।

जोड़ों को स्वास्थ्य कैसे रखें
Dairy for strong bones
source:-uchicago medicine
जोड़ों के दर्द( Joint pain) खासकर अर्थराइटिस का कोई उपचार नहीं है, लेकिन कुछ उपाय हैं जिन्हें अपनाकर इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है या इसकी चपेट में आने पर लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज शॉक एब्जा र्रबर के समान कार्य करते हैं। आर्थराइटिस के कारण कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है।

यह 70 प्रतिशत पानी से बने होते हैं इसलिए ढेर सारा पानी पिएं।कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दुग्ध उत्पादों, ब्रोकली, सालमन, पालक, राजमा, मुंगफली, बादाम, टोफु आदि का सेवन करें। विटामिन सी और डी स्वास्थ्य जोड़ों के लिए बहुत उपयोगी हैं इसलिए विटामिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे स्ट्रांबेरी, संतरे, किवी, पाइनएप्पल, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्तागोभी, दूध, दही, मछिलयों आदि का सेवन करें।

सूर्य के प्रकाश में भी कुछ समय बिताएं, इससे आपको विटामिन डी मिलेगा। वजन को नियंत्रण में रखें।

वजन अधिक होने से जोड़ों जैसे घुटनों, टखनों और कुल्हों पर दबाव पड़ता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें ये जोड़ों की जकडऩ को कम करने में सहायता करते हैं। लेकिन ऐसे व्यायाम करने से बचें जिससे जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है।

शराब और धुम्रपान का सेवन जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। अर्थराइटिस से पीडि़त लोग अगर इनका सेवन बंद कर दें तो उनके जोड़ों और मांसपेशियों में सुधार आ जाता है और दर्द में भी कमी होती है। स्वास्थ्य लोग भी धुम्रपान न करें यह आपको रूमैटाइड अर्थराइटिस का शिकार बना सकता है। अधिक मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें यह ऑस्टिमयो अर्थराइटिस से बचाते हैं।

अदरक और हल्दीे का सेवन करें ये जोड़ों की सूजन को कम करने में सहायता करते हैं। आरामतलबी की जिंदगी न जिएं। सूजन बढ़ाने वाले पदार्थ जैसे नमक, चीनी, अल्कोहल, कैफीन, तेल, दूध व दुग्धी उत्पादों, ट्रांस फैट ओर लाल मांस का सेवन कम करें।

पैदल चलना, जागिंग करना, डांस करना, जिम जाना, सीढियां चढऩा, योगा या हल्के फुल्के व्यायाम करके भी हम हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं।

सर्दियों में रखें विशेष ध्यान
सर्दियों में जोड़ों का दर्द ( Joint pain) अधिक सताता है, क्योंकि इन दिनों लोग आराम अधिक करते हैं और शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। दिन छोटे और रातें बड़ी होने से जीवनशैली बदल जाती है, खानपान की आदतें भी बदल जाती हैं।

लोग व्यायाम योग करने से कतराते हैं जिससे यह समस्या और गंभीर हो जाती है। नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, जब बाहर तापमान अत्यधिक कम हो तो बाहर टहलने और अन्य गतिविधियों से बचें, शरीर को हमेशा गर्म कपड़ों से ढंककर रखें, सर्दियों में पानी पीने से न बचें, प्रतिदिन आठ से दस गिलास पानी पिएं, जितना हो सके इस मौसम से प्रभाव से खुद को बचा कर रखें।

ठंडी चीज खाने के बजाय गर्म चीजों का सेवन अधिक करें। लहसुन, प्याज, सालमन मछली, गुड़, बादाम, काजु जैसी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें. वॉक और एक्सरसाइज करें। इससे मांशपेशियों को खुलने में मदद मिलेगी और जोड़ों की अकडऩ में राहत मिलेगी। एक्सरसाइज करने में जल्दबाजी न करें। चोकर युक्त आटे की रोटी और मूंग की दाल का सेवन करें। दवाईयों का सेवन नियमित समय पर करते रहें।

तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अगर जोड़ों के दर्द के साथ निम्न समस्याएं हों तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, सूजन, लालपन, जोड़ों का उपयोग करते समय समस्या होना, अत्यधिक दर्द होना।

स्वस्थ्य हड्डियों के लिये जरूरी पोषक तत्व
स्वस्थ्य हड्डियों के लिये कैल्शियम और विटामिन डी के अतिरिक्त प्रोटीन, विटामिन के, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी और दूसरे पोषक तत्व आवश्यक हैं. कैल्शियम हमारे शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। शरीर के 99 प्रतिशत कैल्शियम का संचय हड्डियों में होता है जबकि शरीर की विभिन्नं क्रियाओं में केवल एक प्रतिशत कैल्शियम का ही उपयोग किया जाता है।

इसलिये हड्डियों के स्वांस्य्का के लिये उचित मात्रा में कैल्शियम का सेवन आवश्यक है। एक औसत व्यक्ति को प्रतिदिन 1,000 से 1200 मिलिग्राम कैल्श्यिम की आवश्यकता होती है। गहरी हरी पत्ते्दार सब्जियां कैल्शियम का एक अच्छा स्त्रोत है।

विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर और मुलायम हो जाती हैं। सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत है, लेकिन जो लोग हमेशा घरों में बंद रहते हैं उन्हें सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाती और उनका शरीर उचित मात्रा में विटामिन डी का निर्माण नहीं कर पाता है।

सूर्य की रोशनी के अलावा दूध, अंडे, चिकन, मछलियां जैसे सॉलमन, टुना, मैकेरल, सार्डिन भी विटामिन डी के अच्छा स्त्रोत हैं। पोटेशियम जो लोग पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम का सेवन करते हैं उनकी हड्डियों की सेहत बेहतर रहती है। शकरकंदी, आलू छिलके सहित, दही और केला पोटेशियम के अच्छे स्त्रोत हैं।

मैग्नीशियम पालक, चुकंदर, टमाटर, आलू, शकरकंदी और किशमिश खाइए क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है। प्रोटीन शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में सबसे महत्वपूर्ण है।

यह हड्डियों को मजबूत रखता है और बोन मॉस भी बढ़ाता है. प्रोटीन हड्डियों के लिये ही नहीं उतकों और लिगामेंट्स के लिये भी अत्यंत आवश्यक है। मोनोपाज के बाद जिन महिलाओं के भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है उनमें आस्टि योपोरोसिस का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

विटामिन सी और विटामिन के हड्डियों को स्वस्थ्य रखने के लिये विटामिन सी और के भी बहुत आवश्यक हैं। लाल मिर्च, हरी मिर्च, संतरा, अंगूर, ब्रोकली, स्ट्राबेरीज, अंकुरित अनाज, पपीता और पाइन एप्पल विटामिन सी के अच्छेन स्त्रोत हैं और शलगम, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, सरसों और मैथी में विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

Related Articles

Back to top button