अन्तर्राष्ट्रीयस्वास्थ्य

कैंसर की गिरफ्त में भारत, चीन व जापान, चौंका देंगे कारण

देहरादून (गौरव ममगाईं)। कैंसर आज दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। एशिया कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि कैंसर के मामले में एशिया की सबसे बड़ी तीन अर्थव्यवस्था वाले देश सबसे ऊपर हैं। जिसमें पहले नंबर पर चीन और दूसरे पर भारत है। वहीं, तीसरे स्थान पर जापान है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर के प्रमुख कारणों में धूम्रपान, गुटखा जैसे मादक पदार्थों का सेवन और वायु प्रदूषण को बताया गया है। कई ऐसे अन्य महत्वपूर्ण कारण भी सामने आये हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है। यह रिपोर्ट ‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथ ईस्ट एशिया जर्नल’ में प्रकाशित की गई है। यह रिसर्च एशिया के 49 देशों में कैंसर की स्थिति को लेकर किया गया है। इस रिसर्च में भारत के आईआईटी कुरुक्षेत्र और एम्स जोधपुर व बठिंडा ने भी सहयोग किया है। आइये जानते हैं रिपोर्ट से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य-

चीन में हुई 27 लाख मौतें, भारत में 9 लाख

रिपोर्ट के अनुसार, चीन में सबसे ज्यादा 48 लाख नये केस दर्ज किये गये, जिनमें 27 लाख मौतें हुई। जबकि, भारत में 12 लाख नये केस व 9.3 लाख मौतें दर्ज की गई। जापान में 9 लाख नये केस व 4 लाख मौतें दर्ज हुई।

भारत, नेपाल, बांग्लादेश में धूम्रपान-गुटखा कैंसर का कारण

रिपोर्ट के अनुसार, भारत, नेपाल व बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों में धूम्रपान व गुटखा सेवन भी कैंसर का मुख्य कारण बन रहा है। इनसे होंठ व मुंह का कैंसर हो रहा है। धुंआरहित तंबाकू-गुटखा से कैंसर होने के मामले सबसे ज्यादा हैं। वर्ष 2019 में भारत में विश्व की तुलना में 32.9 फीसदी नये केस व 28.1 फीसदी मौतें दर्ज की गई हैं। यह प्रतिशत बताता है कि भारत इससे कितना प्रभावित है।

वायु प्रदूषण भी बनता है कारण

रिपोर्ट में स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया है कि दक्षिण एशियाई देशों में कैंसर का कारण वायु प्रदूषण भी है। बताया कि भारत, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश व कतर जैसे देश पीएम-2.5 कण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस वायु प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से शहरीकरण, पलायन, उद्योग आधारित आर्थिक विकास, मोटर वाहन व जीवांश्म ईंधन चालित उपकरण हैं।

कैंसर से निपटने में क्या हैं चुनौतियां-

  • रिपोर्ट में बताया है कि एशियाई देशों में निम व मध्यम आय वाले परिवार कैंसर से सबसे ज्यादा जूझते हैं, क्योंकि उनके पास कैंसर के इलाज के लिए पैसा नहीं होता।
  • दूसरा कारण लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता की कमी भी है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
  • इसके अलावा विकासशील देशों में रेफरल प्रणाली के कारण भी बीमारी के उपचार व निदान में देरी होती है, जिससे कैंसर का प्रभाव भी बढ़ता है।
  • सरकारों द्वारा कई बार मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने व जागरूकता लाने में भी उदासीनता दिखायी जाती रही है।

जाहिर है कि कैंसर के प्रभाव को रोकने के लिए एक ओर जहां सरकारों को और गंभीर होने की जरूरत है, वहीं आमजन को भी इसके प्रति जागरूक होना चाहिए। सरकार व आमजन की सामूहिक भागीदारी से ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोका जा सकता है।

Related Articles

Back to top button