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40 साल से ऊपर वालों को दिया जाए कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज, INSACOG की सिफारिश

नई दिल्ली: शीर्ष भारतीय जीनोम वैज्ञानिकों ने 40 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन के टीकों की बूस्टर डोज की सिफारिश की है। उन्होंने उच्च जोखिम वाली 40 साल से ज्यादा उम्र की आबादी को प्राथमिकता के साथ बूस्टर डोज देने की सिफारिश की है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) के साप्ताहिक बुलेटिन में यह बात कही गई है।

बता दें कि इनसाकोग कोरोना के जीनोमिक बदलावों की निगरानी के लिए सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है। इनसकागो बुलेटिन में कहा गया है, ‘सभी शेष गैर-जोखिम वाले लोगों का टीकाकरण और 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक देने पर विचार किया जा सकता है।’ देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक से सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। इनसाकोग ने कहा है कि पहले सबसे उच्च जोखिम वाले लोगों को लक्षित करने पर विचार किया जा सकता है, क्योंकि भले ही मौजूदा टीकों से ओमिक्रोन को बेअसर करने के लिए पर्याप्त होने की संभावना नहीं है, लेकिन इससे गंभीर बीमारी का खतरा कम करने की संभावना।

कोविशील्ड के लिए बूस्टर डोज के तौर पर सीरम ने डीसीजीआइ से मांगी मंजूरी
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने कोविशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर लगाने के लिए दवा नियामक से मंजूरी मांगी है। कंपनी ने कहा कि देश में पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध है और कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद बूस्टर डोज की जरूरत है। एसआइआइ में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को इस संबंध में एक अर्जी दी है।

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