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कोविड-19 के वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने की सिफ़ारिश 

कन्हैया पांडे

नई दिल्ली : कोरोना वायरस को वैश्विक चिंता वाली स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को 30 अप्रैल को तीन महीने पूरे हुए और इसी सिलसिले में विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने इसी दिन आपात समिति की बैठक बुलाई । इसके बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिनियम के तहत गठित आपात समिति की 30 अप्रैल को बैठक हुई जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सिफ़ारिश की है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को कोविड-19 महामारी फैलने का कारण बने वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने की जरूरत है । इस बात की अभी भी जांच-पड़ताल की जरूरत है कि ये संक्रमण मनुष्यों में कैसे फैला ?

ग़ौरतलब है कि 30 जनवरी 2020 को आपात समिति की दूसरी बैठक के बाद कोरोना वायरस को अन्तर्राष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किया गया था। 1 मई को यूएन एजेंसी की आपात समिति ने सर्वसम्मति जताई कि कोविड-19 अब भी एक अन्तर्राष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी है।

यूएन एजेंसी प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जेनेवा से वर्चुअल प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि , “हम कमेटी की सलाह स्वीकार करते हैं कि अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक व सहयोगपूर्ण मिशनों के ज़रिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को खाद्य एवं कृषि संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के साथ मिलकर वायरस के पशु स्रोत का पता लगाने का काम करना आवश्यक है।

आपात समिति ने यूएन एजेंसी के लिए 20 सिफ़ारिशें जारी की हैं जिनमें कमज़ोर देशों के लिए समर्थन का स्तर बढ़ाने, वैश्विक फ़ूड सप्लाई चेन को मज़बूत करने और अन्तर्राष्ट्रीय यात्राएँ फिर शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने जैसे विषय शामिल हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की 15 सदस्यों वाली समिति के चेयरमैन दिदियर हुसैन ने कहा है कि अभी इस वायरस के फैलाव पर बहुत कम जानकारी है और रोकथाम के लिए ना तो वैक्सीन है और ना ही कोई उपचार उपलब्ध है। इस स्थिति को बदला जाना चाहिए। आपात समिति के एक बयान में साझीदार संगठनों से वायरस के मानवीय आबादी तक पहुँचने के रास्ते की शिनाख्त करने की सलाह दी गई है। यहां यह भी

विचारणीय है कि इस बीच इस महामारी के लिए वैक्सीन विकसित करने व असरदार दवाई की शिनाख़्त की रफ़्तार तेज़ करने के लिए हाल में ‘Access to COVID-19 Tools (ACT)’ एक्सीलरेटर पहल शुरू हुई है। कोविड-19 पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत योरोपीय आयोग द्वारा 4 मई को एक संकल्प सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसके ज़रिए कोविड-19 वैक्सीन पर शोध के लिए धनराशि एकत्र की जाएगी। यहां पर वैक्सीन फंडिंग के संबंध में बिल गैट्स द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख भी आवश्यक है ।

दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने दावा किया है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता रहा तो वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन एक साल में दुनिया के सामने आ सकती है। गेट्स फिलहाल सात ऐसे प्रोजेक्ट की फंडिंग कर रहे हैं जिनमें कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का काम चल रहा है।

बिल गेट्स ने कहा है कि ” डॉ. एंथोनी फॉसी और मैंने अनुमान लगाया है कि इस काम में 18 महीने लग सकते हैं, जो कि बहुत ज्यादा नहीं है।’ डॉ. फासी व्हाइट हाउस कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सदस्य हैं और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के निदेशक भी हैं।

 

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