उत्पादकता में कमी नवीन कृषि यंत्रों के उपयोग से हो सकती है पूरी
लखनऊ: भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में एक दिवसीय फार्म मशीनरी उद्यमिता कार्यशाला एवं प्रदर्शनी का आयोजन सेंटर फॉर अग्रीकल्चर एवं रुरल डेवलपमेंट (कार्ड) न्यू दिल्ली एवं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए माननीय कृषि राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि बदलते परिवेश में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए पुराने कृषि पद्धतियों से अलग हटकर नए कृषि तकनीकी के आधार पर कार्य करने होंगे। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषक मजदूर की कमी के कारण जो कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है एवं उत्पादकता में कमी आ रही है उसको हम नवीन कृषि यंत्रों को अपनाकर उस कमी को पूरा कर सकते हैं जिससे कि किसानों कि आय दोगुनी हो सकती है।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में फार्म मशीनरी उद्यमिता पर कार्यशाला आयोजित
इसी लक्ष्य कि पूर्ति हेतु आज इस संस्थान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में नए नए कृषि यंत्रों एवं उनके उपयोग कि जानकारी दी जा रही है। इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश सोराज सिंह ने राज्य सरकार के द्वारा राज्य के किसानों को मशीनीकरण पर दिये जा रहे अनुदान के बारे में बताया। उन्होने कहा कि राज्य सरकार कृषि यंत्रों को बड़े पैमाने पर विस्तारिकरण कर रही है। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के निदेशक डॉ.एडी पाठक ने गन्ना उत्पादक किसानों को नवीन मशीन एवं कृषि यंत्रों को अपनाने कि सलाह दी। कृषि यंत्रों के उपयोग से गन्ना उत्पादन में वृद्धि एवं खर्च कम किया जा सकता है, और इस प्रकार गन्ना खेती में किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है।
राज्य सरकार के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मशीनीकरण पर किसानों को विशेष ध्यान देने के बारे में कहा। उन्होने कहा कि राज्य में फार्म मशीनरी मैनुफक्चुरिंग की अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान सरकार इनवेस्टमेंट को प्रोत्साहित कर रही है। मशीनीकरण हेतु राज्य सरकार को अधिक से अधिक किसानों को सहयोग करने हेतु विचार करने को कहा। डॉ. अनीस अंसारी, कार्ड संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि संस्था इस तरह के प्रोग्राम भविष्य में भी आयोजित करती रहेगी जिससे कि किसानों को प्रोत्साहन मिले।