नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अस्थायी अस्पताल बनाने की प्रक्रिया शुरू करने और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित करने की सलाह दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को शनिवार को एक पत्र में लिखा है कि कोरोना केस बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य ढांचे को अपग्रेड करने की जरूरत है। साथ ही सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिला स्तर पर या स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम सही तरीके से काम कर रहे हों।
स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में लिखा, “कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू करने की सलाह दी जाती है। यह डीआरडीओ और CSIR के साथ-साथ निजी क्षेत्रों, एनजीओ के साथ मिलकर किया जा सकता है। बड़ी संख्या में संक्रमित हुए मरीज होम आइसोलेशन में हो सकते हैं। इसलिए इन मामलों को प्रभावी तरीके से फॉलोअप करने की जरूरत होगी। साथ ही ऐसे मरीजों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया बनाई जाए।”
राजेश भूषण ने कहा कि सभी राज्यों को अपने होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल और इसे लागू किए जाने को मॉनिटर करना चाहिए। उन्होंने लिखा, “होम आइसोलेशन के सभी मामलों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित की जाएं। सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिला स्तर पर या स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम सही तरीके से काम कर रहे हों।”
उन्होंने कहा कि लोगों को टेस्टिंग, एंबुलेंस और हॉस्पिटल बेड के बारे में जानकारी सही तरीके से बतानी होगी। उन्होंने कहा, “ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे लोग कॉल करके एंबुलेंस को बुला पाएं और हॉस्पिटल बेड को पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना होगा। राज्यों को नियमित रूप से ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता, जरूरी मेडिकल सामानों की लगातार समीक्षा करनी होगी।”
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए रोकथाम के सभी उपायों को रोकने की जरूरत है। इसके अलावा प्रभावी तरीके से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता करना), क्वारंटीन सुविधानओं को बढ़ाने की जरूरत होगी।