पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद भवन उद्घाटन को लेकर शनिवार को भाजपा पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग देश का इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा कि नए संसद की जरूरत क्या थी।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए संसद भवन निर्माण पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि संसद की क्या जरूरत थी। पहले की इमारत एक ऐतिहासिक थी। मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं। मुझे बहुत बुरा लग रहा है।
आज नीति आयोग की बैठक और कल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था। सत्ता में बैठे लोग आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे। मुझे बहुत बुरा लग रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी हुई, तो जहां से शुरूआत हो गई, उसे ही और विकसित कर देना चाहिए। अलग से नया भवन बनाने का कोई मतलब ही नहीं है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आप क्या इतिहास ही बदल दीजिएगा? इसे अलग करने की क्या जरूरत थी? पुरानी संसद भवन को ही विकसित करना चाहिए था। आप क्या इतिहास भूला दीजिएगा? कल आप इसे खत्म कर दीजिएगा तो इतिहास के बारे में क्या पता चलेगा?
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप जान लीजिए जो शासन में हैं, वह सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। देश के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं।