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कोरोना से राहत डेंगू बना सिरदर्द

मप्र में डेंगू पीडि़तों की संख्या 10,500 के पार पहुंच गई है। वहीं भोपाल में अब तक डेंगू के 582 मरीज मिल चुके हैं। वहीं इस बार डेंगू में नए-नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कई मरीजों में खून गाढ़ा होने की शिकायत मिल रही है। चिकित्सकों ने बताया कि डेंगू के केस में लोग अधिकतर मरीज के प्लेटलेट पर ध्यान देते हैं।

मरीज के शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसके खून गाढ़ा होने लगता है। खून गाढ़ा होने के कारण मरीज का ब्लडप्रेशर कम होने लगता है और उसे घबराहट के साथ सिर में दर्द होने की परेशानी आने लगती है। डेंगू के मरीज के प्लेटलेट देखने के साथ उसके हिमोग्लोबिन का भी ध्यान रखें। मरीज की पूरा ब्लड काउंट यानी सीबीसी की जांच कराएं और यह देखें कि प्लेटलेट और हिमोग्लोबिन गिर तो नहीं रहा। मरीज को पानी व अन्य तरल पदार्थ अधिक मात्रा में दें। बुखार आने पर मरीज की डेंगू की जांच अवश्य कराएं।

प्रदेश में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के तकरीबन सभी जिलों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। हालांकि यह अच्छी बात है कि इस साल मरीजों की हालत गंभीर नहीं हो रही है। अभी तक जितने भी मरीज डेंगू के मिले हैं, उनमें से करीब 45 फीसदी को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ी है। यह 2015 के बाद प्रदेश में डेंगू के मरीजों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके पहले मरीजों की संख्या कभी 5000 भी नहीं पहुंची है। मंदसौर में इस साल डेंगू मरीजों का आंकड़ा 12 सौ के करीब पहुंच गया है। इसके अलावा जबलपुर इंदौर में ज्यादा मरीज मिले हैं। प्रदेश में अब तक मिले मरीजों में 40 फीसदी मरीज सिर्फ पांच जिलों में हैं।

राजधानी भोपाल में भी हर दिन डेंगू के 6 से 8 मरीज मिल रहे हैं। 8 से 10 फीसदी घरों में डेंगू फैलाने वाले मच्छर का लार्वा मिल रहा है। इसका मतलब यह है कि डेंगू का संक्रमण अभी कम नहीं होने वाला है। भोपाल में सोमवार को भी 52 सैंपल की जांच में डेंगू के 6 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही इस साल जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 588 हो गया है। चिकनगुनिया के मरीज भी लगातार मिल रहे हैं। सोमवार को 38 सैंपल की जांच में चिकनगुनिया के 4 मरीज मिले हैं। इसके साथ ही इस बीमारी के मरीजों की संख्या अब 119 हो गई है।

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