नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 21 अगस्त तक रोक लगा दी है। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया था। 31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग ने भविष्य में उनके परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी थी। पूजा खेडकर पर ओबीसी आरक्षण और दिव्यांगता कोटे का सहारा लेकर संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने का आरोप है। आरोप है कि उन्होंने इस संबंध में सभी कागजात भी फर्जी तरीके से बनवाए थे। दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी से सिविल सेवा परीक्षा पास करने के आरोप में केस दर्ज किया है।
इससे पहले, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एग्जाम देने से साफ इनकार कर दिया था। कोर्ट ने इस बात पर बल दिया कि पूजा द्वारा जमा कराए गए सभी परिपत्रों की जांच होनी चाहिए। बिना जांच किए इस मामले की वस्तुस्थिति को समझना किसी भी मायने में उचित नहीं है। खेडकर ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष कहा था कि उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है। उन्हें इससे सुरक्षा प्रदान की जाए। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि इस साजिश से पर्दा हटाने के लिए इसमें शामिल सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। तभी जाकर किसी भी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। बिना आरोपियों से पूछताछ के किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। कोर्ट ने पुलिस को इस मामले की निष्पक्षता से जांच करने के निर्देश दिए थे।
बीते दिनों इस संबंध में जब पूजा खेडकर से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था कि मैं अभी इस मामले में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं समझती हूं। मुझे लगता है कि पहले इस मामले की जांच हो जानी चाहिए। इसके बाद ही इस पर कुछ कहना उचित होगा। यही नहीं, उन्होंने मीडियाकर्मियों से भी अपील की कि पहले जांच संपन्न हो जाने दीजिए। इसके बाद ही आप इस पर किसी भी प्रकार की राय दें, लेकिन मौजूदा समय में देख रही हूं कि मीडिया में बिना कुछ सोचे समझे मेरे बारे में काफी कुछ छापा और चलाया जा रहा है।