म.प्र. की सुशासन और विकास की उपलब्धियों से अवगत होंगे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार, 4 अप्रैल को नई दिल्ली में मध्यप्रदेश सुशासन और विकास प्रतिवेदन 2022 लांच करेंगे। इस अवसर पर अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री चौहान कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की सुशासन और विकास क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों से अवगत करवाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी से इस कार्यक्रम की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अलावा अनेक मंत्रीगण विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। इनमें केन्द्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार, केन्द्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल और केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्य-पालन, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल.मुरूगन शामिल हैं। मध्यप्रदेश के सभी सांसद और प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली में पदस्थ मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
मध्यप्रदेश के नवाचार और सुशासन के कदम बने हैं राष्ट्रीय चर्चा का विषय
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की अनेक योजनाएँ राष्ट्रीय चर्चा का विषय बनी हैं। अन्य प्रांतों ने मध्यप्रदेश के कल्याणकारी कार्यक्रमों का अनुसमर्थन करते हुए उन्हें प्रकारांतर से लागू किया है। चाहे लाड़ली लक्ष्मी योजना से बालिका और महिला सशक्तिकरण हो या सिंचाई के रकबे में हुई उत्तरोत्तर प्रगति, मध्यप्रदेश अनेक नवाचारों और सुशासन के सफल प्रयासों में अग्रणी रहा है। इनमें स्टार्ट अप नीति लाने, हर महीने रोजगार दिवस का आयोजन, शिक्षा के क्षेत्र में सीएम राइज स्कूल प्रारंभ करने की पहल और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक समृद्धि दिलवाने, अधो-संरचना मजबूत करने, सुशासन के लिए 15 वर्ष पहले की गई सुशासन संस्थान की स्थापना महत्वपूर्ण कदम है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश में वन-डे गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस, अंकुर योजना, जन पंचायत, स्वास्थ्य क्षेत्र में लिंगानुपात में सुधार, कोविड महामारी के प्रबंधन में जन-भागीदारी, सुविचारित रणनीति से कोविड नियंत्रण, वैक्सीनेशन रणनीति, क्राइसिस मैनेजमेंट समितियाँ गठित कर कोविड नियंत्रण और जन-जागरूकता बढ़ाने में उनका सहयोग लेने, कोविड अनुग्रह योजना, आयुष क्षेत्र में जनता को लाभान्वित करने, नगरीय क्षेत्रों और ग्रामीण विकास के प्रयास सफल रहे हैं। प्रदेश में जल-संरक्षण, कृषि क्षेत्र में ऑर्गेनिक हब, एफपीओ, खाद्य प्र-संस्करण, स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने, औद्योगिक विकास के साथ ही मेन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में सक्रियता, ग्रामीण परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने, देवारण्य जैसी उपयोगी योजनाएँ लागू करने, नर्मदा सेवा यात्रा से लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग बनाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान इन उपलब्धियों की चर्चा भी नई दिल्ली प्रवास में करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान पौध-रोपण अभियान, अंकुर योजना के क्रियान्वयन पर भी ध्यान दे रहे हैं। मध्यप्रदेश में वित्तीय क्षेत्र में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की मुख्यमंत्री स्तर से नियमित बैठकों और ऋण-अनुदान योजनाओं के क्रियान्वयन के लक्ष्य पूरे करने के प्रयास भी उल्लेखनीय हैं।