रेरा ने प्रमोटर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
शिमला: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) हिमाचल प्रदेश के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि रेरा ने ‘न्यू टाउन बद्दी’ में आवंटियों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाने और अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रहने पर प्रोमोटर गुप्ता प्राॅपर्टी डवेल्पर्ज प्राइवेट लिमिटेड, बद्दी जिला सोलन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
प्राधिकरण ने आवंटी संदीप कुमार तथा अदित कंसल द्वारा रेरा में डवेल्पर के खिलाफ दायर शिकायत की सुनवाई के उपरांत प्रोमोटर को इन दोनों ही आवंटियों द्वारा जमा की गई राशि रिफंड करने के निर्देश दिए। संदीप कुमार ने गुप्ता प्राॅपर्टी डवेल्पर्ज प्राइवेट लिमिटेड सोलन में फ्लैट के लिए नौ लाख आठ हजार 980 रुपये तथा अदित कंसल ने 11 लाख 28 हजार रुपये की अदायगी की थी। डवेल्पर को यह राशि एसबीआई के ऋण दर की उच्चतम सीमा लागत व दो प्रतिशत अतिरिक्त दर के साथ अदा करनी होगी।
प्राधिकरण ने साइट का निरीक्षण करने के उपरांत पाया कि डवेल्पर ने गरीब खरीददारों से धन एकत्रित किया और उन्हें स्वीकृत योजना के अनुसार आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में असफल रहा। जो सुविधाएं प्रदान की गई हैं, वह बहुत ही खराब गुणवत्ता की हैं। आवासीय भवनों में लिफ्ट पूरी तरह से कार्यशील नहीं है और स्वीकृत योजना के अनुसार हरित क्षेत्रों का विकास नहीं किया गया है।
रेरा ने डवेल्पर प्रमोटर को आगामी तीन माह के भीतर सभी आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिए। प्राधिकरण ने डवेल्पर को आगामी तीन माह के भीतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए हैं। यदि आगामी तीन माह के भीतर डवेल्पर ये सुविधाएं उपलब्ध करवाने में असफल रहता है तो जुर्माना 50 लाख रुपये तक बढ़ाया जाएगा।
प्राधिकरण ने प्रतिवादी को रेरा पंजीकरण के तीन माह के भीतर परियोजना के लिए पूर्णतः व कब्जा प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात प्रतिवादी को आगामी दो माह के भीतर सभी आवंटियों के पक्ष में कन्वेयन्स डीड का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्राधिकरण ने प्रमोटर कम्पनी और इसके सभी निदेशकों को सभी आवंटियों जिन्होंने इस आदेश के पांच माह के भीतर पूरी अदायगी कर दी हो, उनके पक्ष में कन्वेयन्स डीड करने के निर्देश भी दिए। यदि डवेल्पर यह कार्य करने में असमर्थ रहता है तो उसे 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। प्राधिकरण ने इस आदेश की पालना पूर्ण होने तक प्रतिवादी को इस परियोजना में फ्लैट व दुकानें बेचने, आवंटित करने और आरक्षित करने पर पाबंदी लगाई है।