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पीएम मोदी की डेली मॉनिटरिंग से सफल हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

देहरादून : सिलक्यारा रेस्क्यू को सफल बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी अहम भूमिका रही। भले ही पीएम मोदी इस पूरे रेस्क्यू के दौरान सामने नहीं आए हों, लेकिन जानकार कहते है कि पर्दे के पीछे पीएम मोदी ताबड़तोड़ बड़े ऐक्शन ले रहे थे। इसके पीछे दो मुख्य वजह थी, पहला, हर भारतीय की सुरक्षा और दूसरा, उत्तराखंड से उनका विशेष लगाव। रेस्क्यू में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय राज्यमंत्री वीर्के सिंह व बड़े राष्ट्रीय विशेषज्ञों के पहुंचने के पीछे पीएम मोदी ही थे। बताया जा रहा है कि जैसे ही सीएम पुष्कर सिंह धामी को जानकारी मिली कि इसमें बड़े विशेषज्ञ एवं संसाधन की आवश्यकता पड़ेगी, वैसे ही पीएम मोदी ने केंद्र से मदद भेजनी शुरू कर दी थी।

नतीजा, अगले ही दिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी घटना स्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू टीम के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की। इसके बाद सीएम धामी ने विशेषज्ञ उपलब्ध कराने का आग्रह किया तो पीएम मोदी ने ही दुनिया के सबसे सफल रेस्क्यू एक्सपर्ट माने जाने वाले अर्नोल्ड डिक्स को सिलक्यारा रेस्क्यू के लिए भेजा था, क्योंकि पीएम मोदी इस पूरे रेस्क्यू में किसी तरह की कोई गुंजाइश रहने देना नहीं चाहते थे। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे रेस्क्यू के दौरान यहीं रहे और पूरे रेस्क्यू पर निगरानी बनाए रखी। इन सबके पीछे पीएम मोदी की ही भूमिका मानी जा रही है।

सीएम धामी को बार-बार आता था पीएम का फोन
एक तरफ पीएम मोदी रेस्क्यू को सफल बनाने के लिए संसाधन महैया कराते रहे, वहीं दूसरी ओर पीएम भी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर बेहर्द चिंतित रहते थे। इसका प्रमाण यह है कि पीएम मोदी अनेक बार सीएम धामी को फोन करके रेस्क्यू की अपडेट लेते रहते थे, यह भी पूछते कि किसी भी तरह की सहायता चाहिए हो तो बिना देर किये बतायें, मैं पीछे नहीं रहूंगा। सीएम धामी भी कई बार बता चुके हैं कि पीएम मोदी उनसे लगातार फोन पर अपडेट ले रहे हैं।

पीएम Modi का उत्तराखंड से आध्यात्मिक रिश्ता
पीएम नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष आध्यात्मिक लगाव रहा है। कई बार पीएम यह रिश्ता सार्वजनिक भी कर चुके हैं। बीते अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी पिथौरागढ़ के आदि कैलाश भी आये थे। इससे पहले भी पीएम मोदी केदारनाथ व बद्रीनाथ कई बार आते रहे हैं। उन्होंने एक बार रुद्रप्रयाग में एक गुफा में ध्यान भी किया था, जिससे उस गुफा का विश्व प्रसिद्धि मिली थी।

CM धामी ने निभाई जिम्मेदार ‘अभिभावक’ की भूमिका, जीत लिया सबका दिल

सबसे बड़े टनल रेस्क्यू माने जा रहे सिलक्यारा रेस्क्यू को 28 नवंबर को रात में रेस्क्यू टीम ने पूरा कर लिया। इस उपलब्धि का मुख्य श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिया जाएगा, क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहद सख्त दिखने वाले सीएम पुष्कर सिंह धामी का इस पूरे रेस्क्यू में बेहद भावनात्मक रूप देखने को मिला। रेस्क्यू के दौरान सीएम धामी बिल्कुल अभिभावक की भूमिका निभाते दिखे। सोशल मीडिया में भी सीएम की जमकर सराहना होती रही। दरअसल, दिवाली की सुबह जब टनल हादसा हुआ तो पहले दिन से ही सीएम धामी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर बेहर्द ंचतित दिखे। जब रेस्क्यू करना मुश्किल हुआ और बड़े संसाधनों की जरूरत पड़ी तो सीएम धामी पीछे नही हटे। बात आस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स, आस्ट्रेलियाई आगर मशीन को सिलक्यारा पहुंचाने की हो, या फिर विशेषज्ञों को बड़े से बड़े रेस्क्यू करने की खुली छूट देना हो, सीएम धामी निर्णय लेने में कभी पीछे नही रहे।

16 दिन तक ठीक से सो भी नहीं पाए धामी
सीएम पुष्कर्र सिंह धामी पूरी रात ठीक से सो नहीं पाते थे। उनका मन रेस्क्यू में लगा रहता था, दिनभर वो शासकीय कार्य निपटाते, शाम के बाद वह रेस्क्यू की अपडेट लेते रहते थे। यहां तक कि सोने के दौरान भी कई बार उनकी नींद खुलती तो वो आधी रात में भी रेस्क्यू टीम से अपडेट लेते रहते थे। सीएम ईश्वर से सभी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की कामना करते रहते थे। वहीं, सचिवालय में भी शासकीय कार्य के बीच सीएम धामी वीडियो कान्फ्र्रेंन्सग के जरिये रेस्क्यू से जुड़े रहते थे।

कड़कड़ाती ठंड में सीएम धामी ने रात बिताई, ताकि होती रहे हौसलाअफजाई
सीएम पुष्कर सिंह धामी हर दूसरे दिन सिलक्यारा पहुंचते नजर आये ताकि वह रेस्क्यू में लगे कर्मचारियों व श्रमिकों की हौसलाफजाई करते रहें। जब भी ऐसा लगता कि रेस्क्यू की गति धीमी पड़ने लगी है, सीएम धामी तुरंत रेस्क्यू स्थल पर पहुंच जाते और रेस्क्यू में लगे सभी लोगों में जोश भरते रहते। इस दौरान सीएम धामी कई रात वहीं रुके और अपना स्थायी कैंप भी वहां स्थापित किया और कड़कड़ाती ठंड में रेस्क्यू की निगरानी करते रहे।

होने वाले हैं कई बड़े कार्यक्रम, दोगुनी थी जिम्मेदारी
इन दिनों उत्तराखंड में कई बड़े कार्यक्रम होने वाले हैं, जिनमें छठवें राष्ट्रीय आपदा सम्मेलन का आयोजन 28 नवंबर से हुआ, जबकि, आठ दिसंबर से दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित है। इस कारण सीएम धामी पर इनके सफल आयोजन की भी बड़ी जिम्मेदारी है। कहा जा सकता है कि सीएम धामी में कुशल प्रशासक के गुण तो हैं ही, साथ ही वह कुशल अभिभावक भी हैं।

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