छत्तीसगढ़

कांग्रेस के रहते आरक्षण कभी सुचारू रूप से लागू नही हो सकता : नेता प्रतिपक्ष

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण विधेयक पास तो गया है, लेकिन मामला अभी भी शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का कहना है कि अनुसूचित जाति के आरक्षण को 16 प्रतिशत करने एवं पूरे देश में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के आरक्षण को 10 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को कांग्रेस ने नहीं माना है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे सहमति दी है। इससे कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो किसी वर्ग को आरक्षण देने के हितेशी नही है। कांग्रेस ने हर वर्ग को निराश किया है। आरक्षण के साथ-साथ कांग्रेस की विफलता से प्रमोशन में भी आरक्षण पर रोक लगी, कांग्रेस के रहते आरक्षण कभी सुचारू रूप से लागू नही हो सकता।

चंदेल ने आरक्षण पर प्रस्तुत हुए विधेयक पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आरक्षण के प्रति कांग्रेस की नीयत में खोट है, इसमें कोई शक नहीं है। इसके कई प्रमाण मौजूद हैं। कांग्रेस सरकार पहले से लागू 58 प्रतिशत आरक्षण बचा नहीं पाई। आरक्षण के प्रति बदनीयती की वजह से कोर्ट में पैरवी के लिए वकील तक नहीं भेजे। पिछड़े वर्ग का आरक्षण छीनने के लिए कांग्रेस ने स्वयं अपने आदमी को भेजा और जब पिछड़े वर्ग के आरक्षण पर रोक लगी तब उस व्यक्ति की ताजपोशी हुई और उसे कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष बनाया। ऐसे ही आदिवासी समाज का आरक्षण छीनने वाले को एक प्रमुख आयोग का अध्यक्ष बनाया। कांग्रेस सरकार के ही दिग्गज मंत्री कवासी लखमा ने इस बात को स्वीकार किया, आदिवासियों का आरक्षण छीनने वाले को आयोग का अध्यक्ष बनाकर गलत किया गया। कांग्रेस के ही नेता लगातार आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाते रहे, जिसमें कांग्रेस की पूर्व विधायक पदमा मनहर और वरिष्ठ नेता पी आर खूंटे भी शामिल रहे।

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