PMC बैंक के जमाकर्ताओं को रिजर्व बैंक ने दी बड़ी राहत, अब एक लाख रुपये निकाल सकेंगे
मुंबई (एजेंसी): आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के अलावा चार और सहकारी बैंकों के खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा बढ़ाई है। ये बैंक भी नियामकीय अंकुश के तहत हैं। इन बैंकों में बेंगलूरू स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकार बैंक नियामिता और कोल्हापुर का यूथ डेवलपमेंट कोऑपरेटिव बैंक लि. शामिल हैं। वहीं पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) के खाताधारकों को बड़ी राहत देते हुए रिजर्व बैंक ने उनके खातों से निकासी की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है। हालांकि, इसके साथ ही आरबीआई ने घोटाले का शिकार बने इस सहकारी बैंक पर नियामकीय अंकुश छह महीने के लिए और बढ़ाकर 22 दिसंबर तक कर दिया है।
रिजर्व बैंक ने 23 सितंबर, 2019 को पीएमसी बैंक, मुंबई पर कई नियामकीय अंकुश लगाए थे। उस समय बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। साथ ही बैंक द्वारा रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए ऋण की सही जानकारी नहीं दी गई थी। इससे पहले रिजर्व बैंक ने पांच जून, 2019 को निकासी की सीमा प्रति जमाकर्ता बढ़ाकर 50,000 रुपये की थी। साथ ही बैंक पर अंकुश बढ़ाकर 22 जून, 2020 तक कर दिए थे।
84 प्रतिशत ग्राहक खातों से अपना पूरा पैसा निकाल सकेंगे
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, ” बैंक की तरलता की स्थिति, उसकी जमाकर्ताओं को भुगतान की क्षमता के अलावा कोविड-19 संकट के बीच जमाकर्ताओं को राहत देने के लिए प्रति जमाकर्ता निकासी की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने कहा कि वह अंशधारकों से बातचीत कर रहा है ताकि बैंक के लिए समाधान की संभावाना तलाशी जा सके। हालांकि, कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते यह प्रक्रिया प्रभावित हुई है। रिजर्व बैंक ने कहा कि निकासी की सीमा बढ़ने से बैंक के 84 प्रतिशत ग्राहक खातों से अपना पूरा पैसा निकाल सकेंगे।
रिजर्व बैंक ने कहा कि पीएमसी बैंक की नकारात्मक नेटवर्थ और डूबे कर्ज की वसूली की कानूनी प्रक्रियाओं की वजह से भी बैंक से जुड़े में समाधान इमें चुनौतियां आ रही हैं। इससे पहले रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था और केंद्रीय बैंक के पूर्व अधिकारी जे बी भोरिया को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।