मंजूर हुआ वन मंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफा, सीएम की सिफारिश के बाद राज्यपाल ने किया स्वीकार
भोपाल : मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में हार के बाद वनमंत्री रामनिवास रावत ने 2 दिसंबर को इस्तीफा दिया। विदेश दौरे से लौटने के बाद CM डॉ. मोहन यादव ने रावत के इस्तीफे को अनुशंसा के लिए राज्यपाल मंगू भाई पटेल के पास भेजा। बुधवार (4 दिसंबर) को राम निवास रावत का इस्तीफा मंजूर हो गया है। रावत का इस्तीफा मंजूर होते ही अब नए वन मंत्री की तलाश शुरू हो गई है। रावत की कुर्सी पर बैठने के लिए कई नेताओं के नाम सियासी गलियारों में सुर्खियां बटोर रहे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं वो नेता।
वनमंत्री की कुर्सी पाने के लिए कई नेताओं ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। अपने-अपने स्तर पर ताकत लगा रहे हैं। सियासी गलियारों में पूर्व वन मंत्री नागर सिंह चौहान और विजय शाह के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से भेंट की थी। पिछली सरकार में शाह के पास वन विभाग था।
नागर सिंह चौहान अलीराजपुर से विधायक हैं। नागर की पत्नी अनीता सिंह चौहान रतलाम से बीजेपी सांसद हैं। रावत को वन मंत्री बनाए जाने से पहले यह महकमा मंत्री नागर सिंह चौहान के पास था। उनसे वन विभाग छीने जाने पर चौहान ने नाराजगी भी जताई थी और बात दिल्ली तक पहुंची थी। ऐसे में उनकी भी दावेदारी इस पद के लिए मानी जा रही है। हाल ही में नागर सिंह ने दिल्ली में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी।
हरसूद विधायक कुंवर विजय शाह मोहन सरकार में जनजातीय कार्य मंत्री हैं। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में विजय सिंह वनमंत्री की जिम्मेदारी संभान चुके हैं। रावत के इस्तीफे के बाद विजय शाह का नाम भी वनमंत्री के लिए चल रहा है। दो दिन पहले शाह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था। वीडियो में शाह से पूछा गया था कि रावत के इस्तीफे के बाद वन मंत्री का पद खाली है, क्या वे वन मंत्री बन सकते हैं। इस पर शाह बिना कोई जवाब दिए मुस्कुरा कर चल दिए थे।
नागर सिंह और विजय शाह के अलावा भी कई नेताओं के नाम वनमंत्री के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं। रहली विधायक गोपाल भार्गव, विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक, पाटन विधायक अजय विश्नोई सहित कई विधायकों के नाम भी चर्चा में हैं। इनके अलावा मोहन कैबिनेट में कमजोर विभाग वाले मंत्रियों की निगाहे भी इस विभाग पर हैं। हालांकि इसका अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को ही करना है।
- मंत्रिमंडल विस्तार और किसी नए चेहरे को जिम्मेदारी मंत्रिमंडल में रावत के इस्तीफे के बाद मोहन कैबिनेट में अब कुल 32 मंत्री हैं। विधानसभा सदस्यों की संख्या के हिसाब से संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक अधिकतम 35 मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) रह सकते हैं। इस हिसाब से 3 मंत्रियों की गुंजाइश है, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही है। ऐसी राजनीतिक परिस्थितियां भी नहीं हैं कि संगठन या सरकार के लिए विस्तार मजबूरी हो।
- मौजूदा मंत्रियों में से किसी को वन विभाग सौंपा जाए इसकी संभावना ज्यादा है। किसी आदिवासी मंत्री को यह जिम्मेदारी मिल सकती है, क्योंकि रावत से पहले यह विभाग आदिवासी मंत्री नागर सिंह के पास ही था। नागर सिंह भी खुलकर दावेदारी कर चुके हैं। आदिवासी चेहरों में पीएचई मंत्री संपतिया उइके प्रबल दावेदार हैं। आदिवासियों से जुड़े मुद्दों के मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव फील्ड में उन्हें आगे करते रहे हैं। इससे सरकार महिला और आदिवासी दोनों वर्गों में मैसेज देगी। दूसरे दावेदार जनजातीय कार्य मंंत्री विजय शाह हैं जो दिल्ली तक लॉबिंग कर चुके हैं। शिवराज सरकार में वन विभाग उनके पास रह चुका है।
दो दिसंबर को इस्तीफा मंजूर, 4 को नोटिफिकेशन रावत का इस्तीफा दो दिसंबर को मंजूर किया गया। इसका नोटिफिकेशन सामान्य प्रशासन विभाग ने 4 दिसंबर को जारी किया। सीएम डॉ मोहन यादव के जर्मनी और यूके से 30 नवंबर को भोपाल लौटने के बाद मंत्री रावत ने उनसे मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि सीएम से मुलाकात के बाद ही इस्तीफे को स्वीकार करने पर अंतिम फैसला हुआ है। सीएम यादव की अनुशंसा के बाद इस्तीफा राजभवन को भेजा गया।
उपचुनाव रिजल्ट आते ही राहत ने दिया था इस्तीफा वनमंत्री राम निवास रावत ने 23 नवंबर को विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद उसी शाम मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब से इस पर फैसला पेंडिंग था। मुख्यमंत्री 24 नवंबर को विदेश के लिए रवाना हो गए और तीस नवंबर को भोपाल लौटे। इसके बाद रावत की उनसे मुलाकात हुई और अब इस्तीफे को मंजूरी मिली है।
वन मंत्री बनने के सवाल पर मुस्कुरा कर रह गए थे शाह वन मंत्री रह चुके कुंवर विजय शाह का दो दिन पहले एक वीडियो भी सामने आया था। इसमें जब शाह से पूछा गया कि रावत के इस्तीफे के बाद वन मंत्री का पद खाली है, क्या वे वन मंत्री बन सकते हैं। इस पर शाह बिना कोई जवाब दिए मुस्कुरा कर चल दिए थे।
सीएम के पास जीएडी, गृह, जेल, खनिज जैसे महकमे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने पास कई महत्वपूर्ण विभाग रखे हैं। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग के अलावा गृह, जेल विभाग, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, जनसंपर्क, नर्मदा घाटी विकास विभाग, विमानन, खनिज, लोक सेवा प्रबंधन, प्रवासी भारतीय विभाग शामिल हैं। विभागों के नए बंटवारे में सीएम अपने पास से भी कुछ विभाग दूसरे मंत्रियों को दे सकते हैं।