नई दिल्ली. मोरबी पुल की एफएसएल रिपोर्ट में ओरेवा और नगर निगम द्वारा भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही का खुलासा हुआ है. ओरेवा समूह, जिसके पास पुल के रखरखाव, संचालन और सुरक्षा का ठेका था. 30 अक्टूबर को पुल ढहने वाले दिन 3,165 टिकट जारी किए थे. इसकी भार वहन क्षमता का आकलन कभी नहीं की गई.
रिपोर्ट के अनुसार ओरेवा द्वारा रखे गए गार्ड और टिकट कलेक्टर दिहाड़ी मजदूर थे. सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में गार्ड को कभी नहीं बताया गया और पुल पर कितने लोगों को अनुमति दी जानी चाहिए. केबलों में जंग लग गई थी. एंगल टूट गए थे और केबल को एंकरों से जोड़ने वाले बोल्ट ढीले हो गए थे.
30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर स्थित ब्रिटिश शासन युग के पुल के टूटने की घटना में 135 लोगों से अधिक की जान चली गई थी. पुलिस ने मोरबी पुल का प्रबंधन करने वाले ओरेवा समूह के चार लोगों सहित 9 लोगों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. पुल के रखरखाव तथ्ज्ञा संचालन का काम करने वाली कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.