बेंगलुरु: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहा सीमा विवाद हिंसक मोड़ ले सकता है। दक्षिण भारतीय राज्य के खुफिया विभाग ने महाराष्ट्र के मंत्रियों की राज्य में एंट्री पर रोक की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि मंत्रियों के राज्य में आने पर दंगा भड़क सकता है। खबर है कि शनिवार को राज्य पुलिस को यह रिपोर्ट सौंप दी गई है। दोनों राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद 1960 के समय से जारी है।
रिपोर्ट में क्या
बेलगावी जिला प्रशासन और खुफिया विभाग ने सरकार और पुलिस के सामने रिपोर्ट पेश की है। इसमें मंत्रियों के दौरे पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है, ताकि राज्य में कानून और व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भले ही महाराष्ट्र यह कहे कि उनके मंत्री महाराष्ट्र समर्थक समूहों से नहीं मिलेंगे और तय कार्यक्रमों में शामिल होंगे, तब भी बेलगावी में दंगे और विरोध हो सकते हैं।
मंत्रियों का दौरा समझें
महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को सीमा से जुड़े मामले का काम सौंपा है। दोनों नेता 6 दिसंबर को बेलगावी जिले में महाराष्ट्र समर्थक समूहों से मिलने वाले हैं। इससे पहले ये मंत्री 3 दिसंबर को आने वाले थे, लेकिन बेलगावी आंबेडकर संगठन के अनुरोध पर 6 दिसंबर को यहां पहुंच रहे हैं। खास बात है कि 6 दिसंबर को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है।
मंत्रियों के आने की खबर से विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक में कन्नड़ समर्थक संगठनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। गुरुवार को कन्नड़ संगठनों ने बेलगावी में हाईवे रोका। उस दौरान टायरों में आग लगाई गई और महाराष्ट्र के खिलाफ नारे लगाए गए। हाल ही में बेलगावी को गोगाटे कॉलेज में कन्नड़ झंडे के साथ नाच रहे छात्र की उसके साथियों ने पिटाई कर दी थी।
सरकार और मंत्रियों का पक्ष
कर्नाट के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई महाराष्ट्र सरकार से मंत्रियों को नहीं भेजने की अपील कर चुके हैं। इस मामले में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है। इधर, पाटिल ने साफ कर दिया है कि वह ‘किसी भी कीमत पर’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।