जयपुर । राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने गुरुवार को केंद्र की नई योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ जयपुर, जोधपुर और अजमेर सहित राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों और कई अनुमंडल व तहसील मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना को मंजूरी दे दी। योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीर’ के रूप में शामिल किया जाएगा।
‘अग्निपथ’ मॉडल के तहत छह महीने के प्रशिक्षण सहित चार साल के लिए थलसेना, वायुसेना और नौसेना में अधिकारी रैंक (पीबीओआर) से नीचे के कर्मियों की भर्ती होगी। आरएलपी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल जयपुर मुख्यालय में मौजूद थे। उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से योजना के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा सशस्त्र बलों में नई ऊर्जा का संचार करेगी, जबकि सच्चाई यह है कि अनुबंध आधारित भर्ती की यह कार्य योजना देश के लोग या भारतीय सेना के हित में नहीं है। इसलिए सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।
बेनीवाल ने कहा कि इसी तरह का विरोध पूरे देश में होगा और जिस तरह केंद्र को कृषि कानून वापस लेना पड़ा, उसी तरह उसे अग्निपथ योजना भी वापस लेनी होगी। राज्यभर में कई विरोध स्थलों पर अराजक दृश्य देखे गए। कुछ स्थानों पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।
जोधपुर में आरएलपी कार्यकर्ता जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर नारे लगाते दिखे, जहां आरएलपी की प्रदेश इकाई के प्रमुख पुखराज गर्ग के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सर्किट हाउस रोड पर एक पुलिस वाहन की खिड़की के शीशे तोड़ दिए, लेकिन जल्द ही पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया।
बाड़मेर में आरएलपी के विरोध के आह्वान पर कई युवा सड़कों पर उतर आए। जिला परिषद सदस्य उम्मेदाराम बेनीवाल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की गई। प्रदर्शनकारी पुलिस से भी भिड़ गए, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। युवकों को टायर जलाकर ट्रेनों का रास्ता रोकने की कोशिश करते देखा जा सकता है।
अजमेर और सीकर में भी विरोध प्रदर्शन देखा गया, जहां बड़ी संख्या में युवा आरएलपी के बैनर तले सड़कों पर उतर आए।