श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाएगा। इसके लिए कश्मीर, लद्दाख व हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाएं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से लेकर सड़क मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचएआईडीसीएल) को देने का फैसला किया है। साथ ही सरकार ने ऐतिहासिक मुगल रोड को राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने की घोषणा की है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले हफ्ते जम्मू, कश्मीर, लद्दाख व हिमालच प्रदेश की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की थी। इसमें एनएचआईडीसीएल के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए कश्मीर घाटी और बॉर्डर रोड कनेक्टिविटी संबंधी चार अति महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं को बीआरओ से लेकर मंत्रालय के उपक्रम के सुपुर्द करने का फैसला किया, जिससे उक्त राजमार्ग परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा किया जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर-बारामुला-उरी राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाया जा रहा है। उरी लाइन आफ कंट्रोल (एलओसी) पाकिस्तान से महज 10 दूरी पर है।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 102 किलोमीटर लंबी उक्त योजना को तेज गति से पूरा करने के लिए बीआरओ से लेकर एनएचआईडीसीएल को देना आवश्यक है। इसी कड़ी में श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी (102 किमी) राजमार्ग परियोजना, अखनूर-पुंछ (207 किमी) परियोजना को मंत्रालय का उपक्रम करेगा। जांस्कर-दरजा रोड, जिसे जांस्कर हाईवे भी कहा जाता है यह राजमार्ग परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या (एनएच) 301, एनएच-1 और एनएच 3 को जोड़ती है। यह राजमार्ग कारिगल, लेह, निम्मू, पदम होते हुए हिमाचल प्रदेश को जोड़ता है।