रोबोटिक-सहाय्यित सर्जरी को भारत में तेजी से किया जा रहा स्वीकार
मुंबई : नवंबर 2022: मिनिमली इनवेसिव केयर में वैश्विक प्रौद्योगिकी और रोबोट-असिस्टेड सर्जरी में अग्रणी, इंट्यूटिव ने देश के सबसे बड़े कार्डियक सेंटर यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में भारत में अपना सौवां रोबोट-असिस्टेड सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया है। इस अति महत्वपूर्ण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी की गरिमामय उपस्थिति रही।
इंट्यूटिव इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और महाप्रबंधक, मनदीप सिंह कुमार ने कहा, “हम भारतीय सर्जनों और उनकी देखभाल टीमों को रोगी से जुड़े बेहतर परिणाम हासिल करने, रोगी एवं देखभाल टीम को बेहतर अनुभव प्रदान करने और इलाज की कुल लागत को कम करने में मदद करने के लिए प्रयास करते हैं।”
श्री कुमार ने आगे कहा, “हम रोबोटिक-सहाय्यित सर्जरी सहित न्यूनतम इन्वेसिव देखभाल के प्रति अस्पतालों की वचनबद्धता से उत्साहित हैं। इनट्यूटिव के लिए भारत भर के अस्पतालों को इनट्यूटिव पारिस्थितिकी तंत्र – जिसमें प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण, विशिष्ट ग्राहक सहायता एवं सेवा शामिल है – के माध्यम से अपने रोबोटिक्स प्रोग्राम्स को स्थापित करने और विकसित करने में मदद करना सम्मान की बात है। और, शहरी और अधिकाधिक ग्रामीण स्थानों में उन्नत सर्जिकल तकनीक को अपनाया जाना इनट्यूटिव के लिए बेहद खुशी की बात है।”
इंट्यूएटिव के दा विंची शी (da Vinci Xi) सिस्टम के इंस्टॉलेशन पर टिप्पणी करते हुए, डॉ. चिराग दोशी, प्रमुख, कार्डियोवास्कुलर और थोरैसिक सर्जरी, यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी, ने कहा, “हम बेहतर रोगी परिणाम हासिल करने हेतु हमेशा से उन्नत और किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के नए तरीके खोजने में सबसे आगे रहे हैं। इंट्यूएटिव के दा विंची शी सर्जिकल सिस्टम के इंस्टॉलेशन के साथ, हम कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के क्षेत्र में अकादमिक अनुसंधान और रेजीडेंसी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संभावित रूप से बढ़ाने और बेहतर रोगी देखभाल एवं अनुभव प्रदान करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद करते हैं।”
इस सबसे हालिया उपलब्धि से पहले, इनट्यूटिव ने शिक्षण, सेवा एवं समाधानों के नवोन्मेषी एवं बढ़ते इकोसिस्टम से समर्थित उन्नत रोबोटिक तकनीक के माध्यम से भारत में न्यूनतम इनवेसिव देखभाल को सुविचारित रूप से आगे बढ़ाया है। देश भर के प्रमुख निजी और सरकारी अस्पतालों, चिकित्सा शिक्षा संस्थानों और राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों में कई रोबोट प्रोग्राम्स इंस्टॉल्ड हैं। इंट्यूटिव की दा विंची तकनीक पर 800 से अधिक सर्जनों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और इसे अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि में वो मदद कर रहे हैं।