स्पोर्ट्स डेस्क : रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में 83 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर टेस्ट ओपनर के तौर पर अपनी जगह लंबे टाइम तक के लिए पक्की कर ली. रोहित ने भारतीय टीम की बड़ी कमजोरी को दूर किया है. अब भारत विदेशी धरती पर कहीं भी जीत सकता है. रोहित ने वर्ष 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से टेस्ट में ओपनिंग करना शुरू किया था.
एशिया के बाहर पिछले एक दशक से भारत की ओपनिंग जोड़ी संघर्ष कर रही है. जनवरी 2011 से दिसंबर 2020 तक भारत की ओपनिंग जोड़ी एशिया से बाहर पहले 20 ओवर तक नहीं टिक पाई है. रोहित शर्मा ने वर्ष 2021 में ऑस्ट्रेलिया देर से पहुंचने की वजह से पहले दो टेस्ट मिस करने के बाद सिडनी में हुए तीसरे टेस्ट में शुभमन गिल के साथ दो अर्धशतकीय पार्टनरशिप की थी.
रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट की पहली पारी में भी 44 रन का योगदान दिया था. इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में उन्होंने पहले टेस्ट की पहली पारी में 97 रनों की साझेदारी की. लॉर्ड्स में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में केएल राहुल के साथ 126 रनों की शतकीय साझेदारी की.
2021 की शुरुआत से भारतीय ओपनर नौ पारियों में पांच बार पहले 20 ओवर तक टिके रहने में सफल रहे हैं. एंडरसन की स्विंग के सामने बड़े-बड़े बल्लेबाज बेबस दिखाई देते हैं, लेकिन रोहित को फर्क नहीं पड़ा. रोहित शर्मा ने सबको प्रभावित किया. टेस्ट क्रिकेट में रोहित के खेल पर सवाल उठते थे, लेकिन इस सीरीज में उन्होंने दिखाया है कि वो बतौर टेस्ट ओपनर काफी रन बना सकते हैं. रोहित ने दूसरे टेस्ट में सैम करेन की 10 गेंदों पर 5 चौके भी मारे थे.