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इफ्तार के समय कोरोना के खत्म होने की दुआ करते हैं रोजदार

लॉकडाऊन के चलते घर में बनती है इफतरी

जैदपुर, बाराबंकी: रमजान मुकद्दस का पवित्र महीना चल रहा है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत खूब जमकर करते हैं। और रोजा इफ्तार के वक्त दस्तरखान पर बैठकर अल्लाह से दुआएं मांगते हैं, रोजेदारों की मान्यता है कि इफ्तार के वक्त अल्लाह से मांगी गई दुआ जरूर कबूल होती है। इस बार रोजदर अपने साथ देश से फैला कोरोना महामारी के खात्मे में के लिए दुआ खासकर कर रहे हैं।

रोजा इफ्तार के वक्त दस्तरखान पर घर के किचन का बना हुआ सामान ज्यादा रहता है। क्योंकि लाख डाउन होने के कारण दुकानें नहीं लगती है। इसलिए घर के किचन में बना इफतरी का सामान बनाकर रखा जाता है। इफतर के वक्त दस्तरख्वान पर मुसलमान रोजदार खजूरी से रोजा खोलना अफजल समझते हैं। इसलिए खजूर हर दस्तरखान पर इफ्तार के वक्त रहता है।

पहला रोजा रखने वाले नन्हे रोजदार भी घर के बड़ो के साथ बैठकर रोजा खोलते हैं। अल्लाह की खुशी के लिए रोजदार रोजा रख रहे हैं। इफतरी के समय इस बार बर्फ के पानी का चलन नही है। कोरोना बीमारी के डर से लोग ठंडी चीज का प्रयोग अधिक करते हैं। जिससे घर में बरकत रहमत का माहौल बना हुआ है।

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