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RR : देशी-विदेशी मेहमानों का इंतजार, अंबानी, बिरला समेत 550 से ज्यादा निवेशक आएंगे

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- rajasthan-industries_1447जयपुर। रिसर्जेंट राजस्थान के लिए जयपुर पावणों के स्वागत में तैयार है। यहां 19 व 20 नवंबर को होने वाली इस आरआर समिट 2015 के लिए करीब 75 बड़े औद्योगिक घरानों समेत 550 से ज्यादा उद्योगपतियों ने मंजूरी दे दी है। जिन बड़े समूहों ने मंजूरी दी है, उनमें अंबानी, बिड़ला, गोदरेज, मेदांता आदि शामिल हैं।
यही नहीं आरआर के लिए जापान और सिंगापुर के डेलिगेशन भी मंजूरी दे चुके हैं। सरकार ने आयोजन के दौरान इनके लिए अलग से सेशंस भी तय किए हैं। साथ ही दक्षिण अफ्रीका, इटली, आस्ट्रेलिया, स्पेन, इथियोपिया, जर्मनी तथा दक्षिण कोरिया एंबेसीज के प्रतिनिधियों को भी समिट में शामिल होने का न्यौता भेजा गया है और उन्होंने न्यौता स्वीकार भी कर लिया है।

सीके बिरला ग्रुप के चेयरमैन सीके बिरला, गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन आदी गोदरेज, आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला, मेदांता हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान, जेके टायर इंस्टीट्यूट के चेयरमैन रघुपति सिंघानिया, आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी, रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी, महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, महिंद्रा होलीडेज एंड रिसोर्ट्स के चेयरमैन अरुण नंदा, डायरेक्टर-महिंद्रा एंड महिंद्रा, फोर्टिस हेल्थकेयर के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन मालविंदर मोहन सिंह, श्री सीमेंट के एमडी एचएम बांगुर, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के चेयरमैन अजय श्रीराम, कैडिला फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के एमडी डॉ. राजीव आई मोदी, वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, ओबराय ग्रुप के सीईओ विक्रम ओबेराय।

पॉलिसी, जिनके माध्यम से उद्यमियों को आकर्षित करने की तैयारी

प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने बीते एक साल में पॉलिसी रिफार्म और नई पॉलिसी बनाने पर काम किया है। इनमें राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2014, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम-2014, माइनर मिनरल पॉलिसी-एमएसएमई पॉलिसी, बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी, स्टार्टअप पॉलिसी शामिल हैं। इन पॉलिसीज के जरिए निवेशकों को टैक्सेज में कई तरह की छूट दी जा रही है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओबीएम) मॉडल को लेकर भी प्रदेश में जबरदस्त काम चल रहा है। इसके लिए इंडस्ट्रीज का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कर दिया गया है। कारोबारियों को अब डिजिटल साइंड सर्टिफिकेट ऑनलाइन ही मिल रहे हैं। इसका नतीजा यह रहा है कि वर्ल्ड बैंक की बिजनेस रिपोर्ट में कारोबार के लिहाज से राजस्थान को देश में छठा नंबर मिला।
प्रदेश में विकास का निवेश कराने के लिए समिट
 
राज्य में विकास को लेकर सरकार लगातार प्रयास करती रही है। ऐसे में विकास के लिए निवेश को आमंत्रित करने और उद्यमियों को राज्य के प्रति रुचि जागृत करना इस समिट का मुख्य उद्देश्य है। सरकार ने इसके लिए उद्यमियों को पहले से बता दिया है कि वे किस-किस क्षेत्र में निवेश करेंगे तो न केवल राज्य को लाभ होगा, बल्कि उद्यमियों को भी।
 
यही नहीं, सरकार ने राज्य की जरूरतों को भी निवेशकों को बीते एक साल में बताया है, ताकि वे सही दिशा में निवेश के लिए कदम बढ़ा सकें। राज्य में अरबन डवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में 11392 करोड़ रुपए के पीपीपी प्रोजेक्ट, वाटर मैनेजमेंट में 1700 करोड़, मेट्रो रेल करीब 11 हजार करोड़ के लिए सरकार निवेशक तलाश रही है। ये प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर चलाए जाने हैं।
 
इनके अलावा निजी निवेश से चलाए जाने वाले प्रोजेक्ट के लिए सोलर और सीमेंट बड़े सेक्टर हैं। साथ ही पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पावर समेत अन्य क्षेत्रों में भी निवेश को आमंत्रित किया जा रहा है।

3 लाख करोड़ का आएगा निवेश

समिट का सबसे बड़ा फायदा निवेश है। राज्य सरकार ने अब तक जिस प्रकार निवेश के लिए एमओयू किए हैं, उनसे उम्मीद की जा रही है कि समिट के दौरान 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश होगा। वहीं 2.6 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू भी हो चुके हैं।

 
जिन कंपनियों से एमओयू किए गए हैं, उनमें मुख्य रूप से एसेल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के साथ 5000 मेगावाट के सोलर पार्क के लिए-प्रस्तावित निवेश 4000 करोड़ रुपए, अडानी 10 हजार मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क लगाने लिए लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। रिलायंस एनर्जी 6 हजार मेगावाट का प्लांट लगाएगी।
 
इसके लिए करीब 25 से 30 हजार करोड़ का निवेश होगा। पेट्रोलियम सेक्टर के लिए भी पिछले महीने 30 हजार करोड़ रुपए के एमओयू किए गए।

 

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