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Rs 2000 : विपक्ष के निशाने पर फिर सरकार, चिदंबरम बोले- वापस आया नोटबंदी का दौर

नई दिल्ली : आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। शुक्रवार देर शाम भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान करते हुए बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों जारी करना बंद करें। आरबीआई के फैसले पर कई राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जहां कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने आरबीआई के फैसले पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा तो वहीं बिहार (Bihar) के पूर्व वित्त मंत्री सुशील शिंदे ने इस कदम की सराहना की है।

बिहार के पूर्व वित्त मंत्री सुशील मोदी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में आरबीआई के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि 2000 रुपये के नोट वापस लेने के फैसले से काले धन के खिलाफ दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक हुई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान लोगों को तत्काल राहत देने के लिए सरकार ने 2000 के नोट छापने शुरू किए थे। लेकिन अब इस कदम से आम जनता को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके पास ये नोट नहीं हैं। यह कदम काले धन को बाहर लाने की एक कोशिश है। कई लोगों ने जमाखोरी कर ली है, इसलिए आरबीआई ने 20 हजार रुपये की लिमिट तय की है। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने विपक्ष पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया, लूट मचाई जिसने, दो हजार का नोट उनका खो गया। रोना भ्रष्टाचारियों का देखो फिर से शुरू हो गया। वहीं भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अब एक हजार के नोट वापस भी आ जाएं तो हैरानी नहीं होगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को आरबीआई द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दो हजार रुपये का नोट नोटबंदी के 500 और 1000 हजार रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण निर्णय को छिपाने के लिए लाया गया था।

आगे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी के कुछ हफ्ते बाद, सरकार और आरबीआई को 500 रुपये के नोट को फिर से पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा और अगर केंद्र 1,000 रुपये के नोट को भी फिर से पेश करता है तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले को लेकर शुक्रवार को भाजपा की केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे अरब डॉलर का धोखा करार दिया।

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि यह 2000 रुपए का धमाका नहीं, बल्कि अरबों भारतीयों के साथ अरबों डॉलर का धोखा है। उन्होंने आगे कहा है कि “मेरे प्यारे भाइयों-बहनों जागो। नोटबंदी के बाद जो तकलीफें सही थीं उन्हें भूलना नहीं हैं और जिन लोगों ने वह तकलीफें दी थी, उन्हें माफ नहीं करना है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरबीआई के फैसले पर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की यही खासियत है। हमारे नेता पहले करते हैं, बाद में सोचते हैं। रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नए नोटों को अब वापस लिया जा रहा है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरबीआई के फैसले पर सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने पहले कहा कि 2000 के नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं कि 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। केजरीवाल ने आगे कहा कि इसलिए हम कहते हैं कि पीएम पढ़ा लिखा होना चाहिए।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा कि कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है। इसी ट्वीट में यादव ने कहा है कि शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।

दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नोट को बंद करने, नए नोट जारी करने की पूरी प्रथा पीएम मोदी ने शुरू की थी। जब उन्होंने इस प्रथा को शुरू किया था, तब इस वजह से सैकड़ों लोगों की जान गई थी। लाखों लोगों के काम धंधे बंद हो गए थे। पूरी अर्थव्यवस्था ठप हो गई थी। नोट बंदी का फायदा न तो आतंक रोकने में हुआ न इससे काला धन वापस आया। मुझे समझ ही नहीं आ रहा है कि अब इस फैसले से क्या फायदा होगा और क्या नुकसान होगा।कदम लेकिन मुझे आशा है कि निर्णय विशेषज्ञों द्वारा लिया गया था, “दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने 2,000 रुपये के नोटों को संचलन से वापस लेने के आरबीआई के फैसले पर कहा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इस फैसले के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। एनसीपी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि 2000 रुपये के नोट लाकर सरकार को क्या हासिल हुआ और अब उसे वापस लेकर वह क्या हासिल करेगी। नोटबंदी को बड़ी सफलता बताया गया था। अगर वह सही था तो अब 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का कारण क्या है। नोटबंदी की घोषणा के बाद कई लोगों की जान चली गई थी। केंद्र सरकार को बताना होगा कि इस तरह के फैसलों से लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता बिनय विश्वम ने मांग की कि देश की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के असर को लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि तुगलक देश के वित्तीय क्षेत्र को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने 2000 रुपये के नोट वापस ले लिए हैं। क्या उनमें नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र लाने का साहस है?

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने लंदन में आरबीआई द्वारा 2000 रुपये के नोट के चलन को खत्म करने पर कहा कि सरकार के इस कदम से समाज के आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के 2000 रुपये के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय निश्चित रूप से एक अच्छा संकेत है। मैंने बहुत पहले डिजिटल मुद्रा पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है और नोटों को खत्म करने से निश्चित रूप से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। राजनेता मतदाताओं को पैसे वितरित करके चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं और 2,000 रुपये के नोट इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। अब इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

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