आरएसओ ही बने रहेंगे स्पोर्ट्स कालेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल
लखनऊ। स्पोटर्स कालेजों में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए ओलंपिक, एशियन, गेम्स विश्वकप या कामनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाडियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के साथ ख्याति प्राप्त एवं खेलों में विशेष योगदान देने वाले खिलाड़ी व अन्य विभागों में कार्यरत खेल संबंधी अर्हताधारक अधिकारी भी प्रधानाचार्य पद के पात्र होंगे। यह बात प्रदेश के खेल राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कही।
खेल मंत्री ने की बैठक, कई महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी मुहर
वह गुरूवार को अपने कार्यालय में प्रदेश में खेलों का स्तर बढ़ाने और स्पोटर्स कालेजों में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के संबंध में खेल विभाग और स्पोर्टस् कालेजेज सोसाइटी के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे। इस बैठक में उन्होंने कहा कि बैठक में 1975 की खेल नियमावली में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के संबंध में 6 अगस्त, 2017 को किये गये संशोधन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्पोर्ट्स कालेजेज में स्थाई रूप से प्रधानाचार्यों की नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति होने तक क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी को कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करते रहने देने का भी फैसला लिया गया।
खेल राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि स्पोर्टस् कालेज परिसरों में रह रहे सभी अनाधिकृत लोगों को तत्काल बाहर किया जाए और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने पाए। उन्होंने यह भी कहा कि खेल विभाग स्पोर्टस कालेजों में खेलों का वातावरण बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह सजग और संवेदनशील है।