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RSS की तुलना ISIS से करने पर घमासान

106350-azd-7777एजेन्सी/नई दिल्‍ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की उस टिप्पणी से खासा घमासान मच गया है, जिसमें उन्होंने देश को कथित तौर पर बांटने को लेकर आईएसआईएस और आरएसएस को एक ही कतार में खड़ा करने का प्रयास किया। इस मामले में सोमवार को संसद में जमकर हंगामा हुआ। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आईएसआईएस से करने वाले गुलाम नबी आजाद के बयान का मुद्दा बीजेपी ने सोमवार को संसद में जोर शोर से उठाया और गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग की। वहीं, आरएसएस और भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है।

राज्‍यसभा में आज बीजेपी ने गुलाम नबी आजाद के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया। राज्‍यसभा में गुलाम नबी के बयान का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि आईएसआईएस से आरएसएस की तुलना करना बिल्‍कुल गलत है। आजाद अपने बयान पर माफी मांगें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरएसएस की तुलना किसी भी तरह से आईएसआईएस करना अस्वीकार्य है। आजाद के इस विवादित बयान को लेकर भाजपा आज आक्रामक मुद्रा में आ गई। नकवी ने कहा कि आजाद के इस बयान से देश भर में बेचैनी है।

इसके बाद, राज्‍यसभा में अपने बयान पर सफाई देते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया। मैंने आरएसएस की तुलना आईएसआईएस से नहीं की है। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी मेरे भाषण की पूरी सीडी को सुने। मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। अगर मैंने कुछ गलत कहा है तो विशेषाधिकार प्रस्‍ताव लाएं। आजाद के सफाई दिए जाने के दौरान सदन में हंगामा बढ़ने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि आप (बीजेपी) सवाल करते हैं तो जवाब भी सुनिये।  आजाद ने राज्यसभा में अपने भाषण की सीडी उपलब्ध कराई और कहा कि मैंने आरएसएस की तुलना आईएस से नहीं की।

इसके बाद राज्‍यसभा में सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि मैं आजाद साहब की व्यक्तिगत रूप से इज्जत करता हूं। उनसे एक तहजीब की अपेक्षा रहती है। उन्होंने कहा कि यदि उनसे (आजाद से) जाने अनजाने में कुछ फिसल गया है तो उसे मान लेना चाहिए। आईएसआईएस क्या है, इसकी स्पष्ट कल्पना सबको है। आईएसआईएस दुनिया में अराजकता फैला रहा है और महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहा है। यह बात उनके दस्तावेजों से भी स्पष्ट हो जाती है। जेटली ने कहा कि आप (आजाद) आईएसआईएस को सम्मानजनक बना रहे हैं। इस बीच कांग्रेस एवं भाजपा के कई सदस्यों के बीच आरएसएस संबंधी आजाद के बयान को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगते रहे। सदन में हंगामे के बीच, नकवी ने कहा कि जाने अनजाने में यदि कुछ फिसल गया है (आजाद से) तो उन्हें माफी मांग लेनी चाहिए।

गौर हो कि इस बयान को लेकर बीजेपी काफी नाराजगी जाहिर कर चुकी है। राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर विजय माल्या और ललित मोदी को देश में वापस लाने की मांग के साथ नारे भी लगाये। वहीं लोकसभा में भाजपा के अश्विनी कुमार चोपड़ा ने संघ पर कांग्रेस नेता आजाद के बयान पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। भाजपा के अन्य सदस्यों को भी इस मामले में आजाद से माफी की मांग करते हुए सुना गया। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी मांग के लिए नोटिस देने को कहा। 

इससे पहले, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने शनिवार को मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में उक्त बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हम मुसलमानों के बीच भी ऐसे लोगों को देखते हैं कि जो मुस्लिम देशों की तबाही की वजह बन गए हैं। इनके पीछे कुछ ताकते हैं. परंतु हमें यह समझने की जरूरत है कि मुसलमान इसमें क्यों शामिल हो रहे हैं, वे क्यों फंसते जा रहे हैं? आजाद ने कहा कि इसलिए, हम आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं। आजाद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने इतिहास के सिवाय दूसरों का इतिहास नहीं पढ़ते, वो ऐसे ही बोलते हैं जो आजकल दिख रहा है। देश में लड़ाई हिंदू और मुसलमान के बीच नहीं, बल्कि नजरिए की लड़ाई है। हम लोगों को सभी तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला मिलकर करना है। आजाद के इस बयान को आरएसएस ने कांग्रेस का बौद्धिक दिवालियापन कहा था। आरएसएस ने गुलाम नबी आजाद के बयान को कांग्रेस का बौद्धिक दिवालियापन कहा। वहीं, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुलाम नबी आजाद को सोनिया गांधी का गुलाम बताया।

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