RTI में खुलासा, आधार डाटा एक्सेस कर सकती हैं UIDAI के साथ काम कर रहीं विदेशी कंपनियां
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आरटीआई की जानकारी पूरी तरह से सरकार और यूआईडीएआई के दावे को पूरी तरह से खारिज करता है। इसके अनुसार कंपनियों के साथ किए गए कांट्रैक्ट के क्लॉज 15.1 में कहा गया है कि कंपनियां सभी प्रकार के डाटा और हार्डवेयर को एक्सेस कर सकती हैं। ये केवल उन कंपनियों के लागू है जो बॉयोमेट्रिक सर्विस प्रोवाइडर हैं।
इसी कंपनी ने दिए है UIDAI को बॉयोमेट्रिक के लिए सॉफ्टवेयर
विकिलीक्स के अनुसार सीआईए ने जिस कंपनी की मदद से आधार डाटा को हैक किया है उसी कंपनी की इंडियन इकाई आधार कार्ड बनाने वाली संस्था यूनिक आई़डेंटिफिकेश अथॉरिटी ऑफ इंडिया को बॉयोमेट्रिक डाटा लेने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया है।
क्रॉसमैच का इंडिया में ऑपरेशन स्मार्ट आईडेंटिटी डिवाइसेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ में पार्टनरशिप है। इसी कंपनी ने देश भर के 1.2 मिलियन भारतीयों के आधार कार्ड के लिए डाटाबेस इकठ्ठा किए थे।
विकिलीक्स ने शुक्रवार को ट्विट करके कहा कि क्या सीआईए के जासूसों ने भारत के नेशनल आईडी कार्ड डाटाबेस को चोरी कर लिया है? इसके कुछ देर बाद विकिलीक्स ने एक और ट्विट करके पूछा कि क्या सीआईए ने आधार डाटाबेस चोरी कर लिया? विकिलीक्स ने इसके साथ ही एक मैगजीन का में छपे आर्टिकल का लिंक भी शेयर किया।
सरकार ने खारिज किया विकिलीक्स का दावा
हालांकि केंद्र सरकार ने विकिलीक्स के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि यह विकिलीक्स का खुलासा नहीं है, ब्लकि एक वेबसाइट द्वारा बताया गया लीक है। सरकार ने कहा कि क्रॉस मैच बॉयोमेट्रिक डिवाइस बनाने वाली कंपनी है जो पूरे विश्व में इस तरह के डिवाइस सप्लाई करती है।
जो भी वेंडर आधार का डाटा कलेक्ट करते हैं वो इनक्रिप्टेड फॉर्म में आधार सर्वर को ट्रांसफर हो जाता है। सरकार ने कहा कि आधार का डाटा पूरी तरह से सेफ है और इसको किसी एजेंसी को देखने का अधिकार नहीं है।