RTI के दायरे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट संबंधी नियुक्तियों को नहीं लाएगी सरकार
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नई दिल्ली : विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों को आरटीआई के दायरे में ना लाने का फैसला किया है। विधि मंत्री ने साथ ही कहा कि प्रक्रिया के संशोधित मसौदे का ज्ञापन (एमओपी) ‘अंतिम चरण’ में है और उसे प्रधान न्यायाधीश के पास भेजा जाएगा। एमओपी सर्वोच्च न्यायालय और 24 उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों की दिशा देने वाले मसौदे को कहते हैं।
आरटीआई के बिना भी मिल सकती है पारदर्शितायह पूछे जाने पर कि क्या एमओपी में न्यायिक नियुक्तियों को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाने का जिक्र है, उन्होंने ना में जवाब दिया। वह विधि मंत्रालय से संबंधित मुद्दों पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। एक दूसरे सवाल कि अगर अधिनियम की धारा आठ न्यायिक नियुक्तियों को अलग नहीं करती तो सरकार क्यों मुद्दे पर ‘बैकफुट’ पर है, उन्होंने कहा कि ‘आरटीआई अधिनियम के बिना भी पारदर्शिता हासिल की जा सकती है।’
‘एमओपी की सराहना करेगी न्यायपालिका’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह एमओपी का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में प्रधान न्यायाधीश से मिले हैं, उन्होंने हां में जवाब दिया लेकिन और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एमओपी का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी कार्यपालिका की है लेकिन न्यायपालिका और कार्यपालिका दोनों को अंतिम मसौदे पर ‘सहमत’ होना होगा। गौड़ा ने कहा, ‘यह (एमओपी मंजूर करना) प्रधान न्यायाधीश और कॉलेजियम के दायरे में है। न्यायपालिका इस एमओपी की सराहना करेगी।’