हंसराज कॉलेज में नॉनवेज बैन पर बवाल, SFI कल करेगा जोरदार प्रदर्शन
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में नॉनवेज बैन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस फैसले के विरोध में छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की हंसराज कॉलेज इकाई ने 20 जनवरी को प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
SFI ने आरोप लगाते हुए कहा कि परिसर का भगवाकरण करने की कोशिश हो रही है. मांसाहारी भोजन पर लगे बैन के खिलाफ परिसर में निराशा पनप रही है. 20 जनवरी को हंसराज हॉस्टल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
एसएफआई ने आरोप लगाया कि ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां हंसराज प्रशासन ने होस्टल में रूम में रखे अंडे तक जब्त कर लिए हैं. हमने हंसराज होस्टल में एक सर्वे कराया था और इसमें पाया कि लगभग 75 प्रतिशत छात्र मांसाहारी थे, जबकि कॉलेज के प्रिंसिपल का दावा था कि 90 प्रतिशत छात्र शाकाहारी हैं.
पिछले साल फरवरी से नहीं मिल रहा नॉनवेज
छात्रों के मुताबिक फरवरी 2022 में जब कॉलेज खुले तो कैंटीन और छात्रावास में मांसाहारी भोजन देना बंद कर दिया गया था. मांसाहारी भोजन बंद करने को लेकर किसी आदेश के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई. छात्र संगठन ने कहा है कि मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ कॉलेज परिसर में विरोध हो रहा है. अब हंसराज छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.
कॉलेज का आदेश वापस लेने से इनकार
हंसराज कॉलेज प्रशासन को अपने फैसले के कारण भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, इसके बाद भी प्रधानाचार्य रमा शर्मा ने होस्टल और कैंटीन में मांसाहारी भोजन बंद करने के आदेश को वापस लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि DU के कॉलेज आर्य समाज के नियमों का पालन करते हैं. हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. हम अपने नियमों का पालन करते हैं. होस्टल के प्रोस्पेक्टस में लिखा है कि होस्टल में मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा.
दावा: कॉलेज के 90 फीसदी छात्र शाकाहारी
रमा शर्मा ने कहा, ‘हम सेंट स्टीफेंस (कॉलेज) को ‘हवन’ करने के लिए नहीं कहते हैं. हम खालसा कॉलेज के नियमों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. फिर हमसे पूछताछ क्यों की जा रही है? हम यह नहीं कहते कि नॉन-वेज खाना मत खाओ. हमारा बस इतना कहना है कि कॉलेज में मांसाहारी खाना मत खाओ.’ रमा शर्मा का दावा है कि 90% छात्र शाकाहारी हैं. उन्होंने पहले होस्टल में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध किया था.