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पाकिस्तान SC के फैसले के बाद पंजाब प्रांत में सत्तारूढ़ गठबंधन ने 27 आरक्षित सीटें गंवाई

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पीएमएल-एन की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि प्रांतीय एसेम्बली के अध्यक्ष ने 27 जन प्रतिनिधियों की सदस्यता स्थगित कर दी है। मीडिया ने यह जानकारी दी है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने एक निचली अदालत के उस फैसले को निलंबित कर दिया जिसमें उसने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल को महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट में उसका हिस्सा देने से इनकार कर दिया था। प्रांतीय एसेम्बली के अध्यक्ष मोहम्मद अहमद खान ने आरक्षित सीट पर नियुक्त की गयी महिलाओं और गैर मुसलमानों की सदस्यता स्थगित कर दी।

उन्हें पाकिस्तान निर्वाचन आयोग की पिछली अधिसूचनाओं के मार्फत आरक्षित सीट पर नियुक्त किया गया था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह खबर दी है। अध्यक्ष खान के फैसले के मुताबिक वे बतौर सदस्य तबतक एसेम्बली की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते हैं जबतक उनका दर्जा पाकिस्तान निर्वाचन आयोग या उच्चतम न्यायालय द्वारा स्पष्ट नहीं कर दिया जाता है। डॉन अखबार के मुताबिक, जिन-जन प्रतिनिधियों को निलंबित किया गया है, उनमें 23 पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के , दो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के और एक-एक पीएमएल-क्यू एवं आईपीपी के हैं।

एसेम्बली में विपक्षी पीटीआई समर्थित एसआईसी के राणा आफताब ने एक दिन पहले व्यवस्था का प्रश्न उठाया था जिसके बाद अध्यक्ष ने यह फैसला सुनाया। आफताब ने दलील दी थी कि शीर्ष अदालत ने SIC की आरिक्षत सीट अन्य दलों को आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को निलंबित कर दिया है। लेकिन अध्यक्ष खान ने कहा कि उन्होंने महाधिवक्ता एवं प्रांत के विधि विभाग से राय मांगी है और उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही वह निर्णय लेंगे। डॉन ने यह खबर दी। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय का आदेश पढ़कर सुनाया और कहा कि आफताब का व्यवस्था का प्रश्न विधि सम्मत है । उन्होंने 27 सदस्यों को तत्काल निलंबित कर दिया।

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