नईदिल्ली : गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों के बाद केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की सुगबुगाहट तेज होने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, अगले साल 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में कुछ संगठनात्मक बदलाव हो सकते हैं। इस बीच दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
चुनावों के आकलन के बाद दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा बदलवाल के फेरबदल की पहली कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। बताते चलें कि अगले साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक समेत 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होंने हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजनैतिक समीकरणो के लिहाज से मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार देखने को मिल सकता है।
दरअसल, मोदी सरकार में साल 2021 में कैबिनेट विस्तार के बाद कोई फेरबदल नहीं हुआ है। इस साल के मध्य में कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाएं होने लगी थीं। लेकिन चुनावों को देखते हुए कैबिनेट फेरबदल को टाल दिया गया। सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ महीने के भीतर अगर सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से ही चला, तो जल्द मोदी कैबिनेट में कुछ फेरबदल होंगे। अगले साल 9 राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए फेरबदल किया जा सकता है।
2021 जुलाई में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं हुए हैं। इन्ही डेढ़ साल के बीच में अलग-अलग राज्यों में कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं। जिसमें सियासी बिसात पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल और बदलाव की चर्चाएं हैं। सूत्रों का कहना है कि क्योंकि अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव हो चुके हैं और एलअगले साल कई राज्य में चुनाव होने हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की गुंजाइश बन रही है।
सूत्रों का कहना है जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड खराब है उनको या तो मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है या उनके मंत्रालयों में फेरबदल किया जा सकता है। करीब पांच महीने पहले मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार की जब चर्चा हुई थी, तो तकरीबन एक दर्जन मंत्रियों के पोर्टफोलियो में बदलाव की बात सामने आई थी। सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जा रहा है। फेरबदल और जिम्मेदारियों में बदलाव इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर किए जा सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार ने आठ पॉइंट के आधार पर मंत्रिमंडल में मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड को तैयार करने का पूरा ब्यौरा मांगा है। जानकारी के मुताबिक आठ पॉइंट्स में यह देखा जा रहा है कि सरकार की योजनाओं को किस स्तर पर जमीन पर उतारा गया है। देखा यह भी जा रहा है कि क्या राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को जमीन पर बेहतर तरीके से उतारा है या नहीं। ऐसे ही और कई पॉइंट्स में मंत्रियों को भी कसौटी पर कसा जा रहा है। इसी आधार पर फेरबदल की गुंजाइश बन रही है।
चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जल्द ही भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे में भी कुछ फेरबदल करेंगी। हालांकि यह फेरबदल किस स्तर का होगा इसको लेकर अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन जो फेरबदल होंगे वह अगले साल से लेकर 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के अलग-अलग राज्यों के चुनावों के लिहाज से ही किए जाएंगे।