रूस अपने वादे पर कायम, जल्द ही भारत को भेजेगा S-400 मिसाइल प्रणाली की तीसरी खेप
रूस : भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने सोमवार को कहा कि रूस जल्द ही भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की तीसरी रेजिमेंट की आपूर्ति पूरी करेगा। यह बहुत निकट भविष्य में पूरा हो जाएगा, क्योंकि दोनों पक्ष अनुबंध के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे। इसे कोई नहीं रोक सकता। अलीपोव ने यह बात इंडिया राइट्स नेटवर्क द्वारा आयोजित ‘भारत-रूस सामरिक साझेदारी में अगले कदम; पुरानी मित्रता नए क्षितिज’ सम्मेलन में कही। अलीपोव सम्मेलन में भारत-रूस संबंधों पर एक सम्मेलन में मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। रूस ने पहले ही मिसाइल सिस्टम की पहली दो रेजीमेंट की आपूर्ति पूरी कर ली है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को समाप्त करने में भारत की कोई भूमिका देखते हैं, अलीपोव ने कहा कि मास्को इसे कूटनीतिक रूप से समाप्त करने पर किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार है।
अलीपोव ने कहा जैसा कि मेरे विदेश मंत्री कहते हैं कि हम किसी भी गंभीर प्रस्ताव के लिए तैयार हैं, चाहे कोई भी उन्हें पेश करे। हम इसे कूटनीतिक रूप से समाप्त करने के लिए किसी भी गंभीर वार्ता के लिए तैयार हैं। फिलहाल, कोई नहीं हैं। अगर भारत इसमें अधिक सक्रिय भाग लेना चाहता है, तो हम निश्चित रूप से भारत को बहुत करीब से सुनेंगे और हम सभी प्रस्तावों की बहुत गंभीरता से जांच करेंगे।
राजदूत ने कहा कि मास्को इस्लामाबाद के साथ अपने आर्थिक संबंधों का विस्तार करना चाहता है क्योंकि एक कमजोर पाकिस्तान भारत सहित पूरे क्षेत्र के लिए अच्छा नहीं है। रूस के राजदूत ने ट्वीट में कहा, कमजोर पाकिस्तान भारत, अफगानिस्तान के लिए बेहतर नहीं होगा। प्रतिक्रियाएं आने पर उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ा। उन्होंने सफाई देते हुए कहा, मेरा मतलब है कि अस्थिर पाकिस्तान दक्षिण एशियाई क्षेत्र में किसी के भी हित में नहीं है। एक मजबूत भारत-विरोधी पाकिस्तान किसी के भी हित में नहीं हो सकता है विशेष रूप से भारत के।
रूसी राजदूत डेनिस ने सम्मेलन में अमेरिका पर भारत और चीन के बीच विरोधाभासों को अपने लाभ के लिए सक्रिय रूप से भुनाने का करने का आरोप लगाया। कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली ने दशकों पुराने संबंधों पर आधारित आपसी विश्वास और भरोसा अर्जित किया है जो दोनों पक्षों को मौजूदा भू-राजनीतिक अशांति से निपटने में मदद करेगा। कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम के अहंकारी और जुझारू दृष्टिकोण के मद्देनजर विवर्तनिक भू-राजनीतिक बदलावों के कारण भारत-रूस संबंध तनाव में हैं। एक सवाल पर अलीपोव ने कहा कि रूस भारत-चीन संबंधों को सामान्य होते देखना चाहता है। इससे न केवल एशियाई सुरक्षा बल्कि पूरी दुनिया की सुरक्षा को बहुत लाभ होगा। हम समझते हैं कि इसमें बहुत गंभीर बाधाएं हैं, दोनों देशों के बीच एक बहुत ही गंभीर सीमा समस्या है। यह उनका आपसी मामला है, हम इसमें दखल नहीं देते।
रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि भारत के साथ अपने समग्र सहयोग में रूस विविधता लाना चाहता है। दोनों देशों के बीच संबंध किसी के खिलाफ केंद्रित नहीं हैं। अलीपोव ने यूक्रेन संघर्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि भू-राजनीति ढांचे में व्यापक बदलाव के कारण संबंधों में तनाव है। डेनिस ने दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे संबंधों के विभिन्न आयामों के बारे में चर्चा की। अलीपोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए उनके देश के समर्थन की पुष्टि की। राजदूत ने कहा कि दोनों देशों ने सहयोग की एक बहुत समृद्ध संरचना बनाई है जो दुनिया के लिए फायदेमंद है। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर, राजदूत ने संबंधों को अभूतपूर्व बताया और भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के अमेरिका के वादे को लेकर उस पर निशाना साधा।