टॉप न्यूज़राज्यराष्ट्रीय

रूसी वायुसेना को मिला पहला शक्तिशाली Su-35S फाइटर जेट, यूक्रेन के लिए खड़ी हो सकती है बड़ी मुश्किल

रूस की वायुसेना ( Airpower) अभी भी बहुत हद तक रूस-यूक्रेन युद्ध में उलझी हुई है. इस बीच रूस के बेहद कम जाने, जाने वाले आक्रामक सैन्य विमानों के दस्ते (Aggressor Squadron) में Su-35S फ्लैंकर-एमएस (Su-35S Flanker-Ms) की एंट्री हुई है. रूसी वायुसेना को ये पहला लड़ाकू विमान ( Su-35S Fighter Jets) हाल ही में डिलीवर हुआ. ये लड़ाई के मैदान में फ्रंट लाइन सर्विस में अहम भूमिका निभाने वाला बेहद उन्नत किस्म का लड़ाकू विमान है. ये Su-35S फ्लैंकर-एमएस रशियन एयरोस्पेस फोर्सेज के साथ मिलकर दुश्मन के छक्के छुड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ता है.

हालिया यूक्रेन संघर्ष ने ये साबित कर दिया है कि इस वक्त रूस को वीकेएस यानी वायुसेना की लड़ाकू प्रशिक्षण क्षमता को दुरूस्त करने की बेहद सख्त जरूरत है. इस जरूरत और मकसद को पूरा करने के लिए Su-35S करने में मुफीद बैठता है. उम्मीद की जा सकती है कि इस लड़ाकू विमान के रूस की वायु सेना के बेड़े में शामिल होने से उसे बहुत मदद मिलेगी.

सेना को सौंपा गया विमान
रूस और यूक्रेन की बीच जंग को 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. वक्त बीतने के साथ में रूस की सेना पर दबाव कम होता दिखाई दे रहा है. रूसी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी रोस्टेक ने हाल ही में सेना को नए Su-35s विमान दिए हैं. अब रूस को यह विमान मिलने से यूक्रेन की चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन से लड़ाई के दौरान रूसी वायुसेना को बहुत नुकसान भी पहुंचा है. वहीं, यूक्रेन के साथ संघर्ष के अनुभवों से पता चलता है कि रूस को इस तरह के विमानों की सख्त जरूरत थी.

Su-35s विमानों को बनाने का काम रूस के पूर्वी इलाके कोम्सोमोल्स्क ऑन अमूर विमान सुविधा (KnAAPO) में किया गया है. जिन्होंने 9 सितंबर को यहां से उड़ा भरी और दक्षिणी रूस में लगभग 3,850 मील की दूरी तय करने के बाद विमान अगले दिन एस्ट्राखान रिजन में प्रिवोलज़्स्की पहुंचे.

वहीं सुखोई को बनाने वाली पेरेंट कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने आधिकारिक तौर पर रूसी रक्षा मंत्रालय को तीन विमानों की डिलीवरी की घोषणा करते हुए कहा, “यह इन लड़ाकू विमानों के लिए “तीसरे कॉनट्रैक्ट के रूस में कार्यान्वयन को पूरा करता है”. एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन का कहना है कि, इस साल के आखिर से पहले “हमारा संयंत्र चौथे अनुबंध के तहत रक्षा मंत्रालय को पहला Su-35S जेट भी देगा.

रूस के अस्त्रखान शहर के पास प्रिवोलज़्स्की एयर बेस एयरोस्पेस बलों के 185वें कॉम्बैट ट्रेनिंग और कॉम्बैट एप्लीकेशन सेंटर का बेस है. यह रूस में अपनी तरह का एकमात्र कॉम्बैट एप्लीकेशन सेंटर है. इसको युद्ध होने की स्थितियों में ट्रेनिंग देने का काम सौंपा गया है, ताकि सेना और अन्य वायु रक्षा इकाइयों के लिए युद्ध की रणनीति में ट्रेनिंग दी जा सके.

Su-35s की खासियत
Su-35s विमान देश पर जमीनी खतरों का सामना करते हुए दुश्मन से मुकाबला करता है. विमानों की यह खेप रूस की सैन्य शक्ति में यूक्रेन के खिलाफ इजाफा करेगा. बता दें कि कीव में जारी हमलों के बीच रूस ने सीमावर्ती इलाकों में बमबारी जारी रखी है. मीडिया रिपोर्टस् की मानें तो रूस के स्वामित्व वाले रक्षा समूह रोस्टेक ने घोषणा की थी कि रूसी वायु सेना को यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन से Su-35s है. इसी के तहत इन अगली पीढ़ी के विमानों की खेप रूस को मिली है.

ताजा बैच 30 विमानों के लिए रूसी रक्षा मंत्रालय और यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (यूएसी) के बीच हस्ताक्षरित तीसरे अनुबंध का हिस्सा है. इसकी डिलीवरी 2024 में पूरी होने की उम्मीद है. Su-35s दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक है. Su-35s की इस नई श्रृंखला को कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर एविएशन प्लांट में परीक्षण पूरा किया गया था, जिसमें हर विमान को हवाई परिचालन परीक्षणों से गुजरना पड़ा.

एक दावे में कहा गया है कि Su-35s काफी ताकतवर लड़ाकू विमान है. इसमें दुश्मनों की मिसाइल को चकमा देने की अभूतपूर्व क्षमता है. ऐसे में यूक्रेन के पास इस समय इतना शक्तिशाली कोई एयर डिफेंस नहीं है जो Su-35s को मार गिराए.

Related Articles

Back to top button