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दुःखद: जवानों के शरीर पर हुए नुकीले हथियारों से हमला, चेहरे तक पहचान में नहीं आ रहे

नई दिल्ली: भारतीय जवानों के साथ चीन  की बर्बरता का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, जवानों के शरीर पर गहरे घाव थे। 12 घायल जवानों की मौत हाइपोथर्मिया यानी शरीर का तापमान बेहद कम हो जाने और दम घुटने से हुई।

लेह के एसएनएम अस्पताल में जवानों के शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि 17 जवानों के शरीर पर चोट के गहरे निशान हैं। शायद तीन जवानों की मौत डूबने से हुई है। वहीं, बाकी जवानों पर किसी नुकीले हथियारों से वार किया गया था, जिससे उनके शरीर पर चोट के गहरे निशान थे।

तीन जवानों के चेहरे को इस तरह से क्षत-विक्षत कर दिया गया था कि वे पहचान में भी नहीं आ रहे हैं जबकि, तीन अन्य जवानों की गर्दन रेतने के निशान थे। चीनी सैनिकों ने नुकीले और लोहे के कांटे लगे रॉड से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। घायल सैनिकों का सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है। कर्नल संतोष बाबू के सिर पर हुआ था हमला

वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अस्पताल में जवानों के शवों की तस्वीरें नहीं लेने का आदेश दिया गया था। रिपोर्ट में सामने आया कि कर्नल संतोष बाबू समेत तीन जवानों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे, लेकिन उनके सिर पर किसी हथियार से हमला किया गया था।

14,000 फुट की ऊंचाई से नदी में गिरे थे कई जवान
कुछ जवानों के शरीर पर नाखून चुभोने जैसे निशान भी मिले हैं। चीन के सैनिकों के पास चाकू भी थे। कुछ जवान 14,000 फीट की ऊंचाई से नदी में गिर गए थे। इतनी ऊंचाई पर गलवां घाटी की जमा देने वाली ठंड और दुर्गम क्षेत्र में मदद न मिलने के चलते भी सैनिकों की जान गई।

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