पंजाब

पंजाब में फिर एक कश्ती में सवार होंगे SAD-BJP, ऐलान बाकी!

पंजाब डेस्कः भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने कुनबे को बड़ा करना शुरू कर दिया है। चर्चाएं चल रही है कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन फिर से होने जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल दिल्ली पहुंचे हुए है, जो भाजपा हाईकमान के साथ मीटिंग कर गठबंधन की शर्तें तय कर रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि पार्टियों में सीटों को लेकर सब तय हो चुका है सिर्फ अब औपचारिक ऐलान होना बाकि है, जो किसी भी समय हो सकता है। इसी बीच यह भी पता चला है कि 5 जुलाई को पदाधिकारियों के साथ पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल बैठक करेंगे, जिसमें वह गठबंधन को लेकर पदाधिकारियों से उनकी राय लेंगे। चर्चा है कि एन.डी.ए. सरकार के मोदी मंत्रिमंडल के इस विस्तार और फेरबदल के दौरान अकाली दल से हरसिमरत कौर बादल फिर से मंत्री बनाई जा सकती हैं। हालांकि पूर्व की तरह दबाव डाल कर लिया गया फूड प्रोसैसिंग मंत्रालय इस बार शायद न मिल पाए।

गौरतलब है कि अकाली दल से हरसिमरत और उनके पति सुखबीर बादल ही लोकसभा सदस्य हैं। राज्यसभा में लंबे अरसे बाद अकाली दल का कोई सांसद नहीं है। हरसिमरत 2014 से मोदी सरकार में फूड प्रोसैसिंग मंत्रालय का जिम्मा संभाल रही थी मगर 3 विवादित और चर्चित कृषि कानूनों को लेकर लोगों और खासकर किसानों की मोदी सरकार के प्रति नाराजगी देखकर उन्होंने 2020 में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस इस्तीफे का कोई राजनीतिक फायदा उठाने में अकाली दल नाकाम रहा। 2022 के विधानसभा चुनाव में उसका अब तक का सबसे घटिया प्रदर्शन देखने को मिला, जब उसके मात्र 3 विधायक ही जीतकर 117 सदस्यीय विधानसभा का हिस्सा बने।

इसके बाद हुए 2 लोकसभा उपचुनाव में भी अकाली दल को शिकस्त ही मिली। दूसरी ओर उसकी सहयोगी रही भाजपा बेहद मजबूत होती रही। भाजपा को पता है कि उसके पास ऐसे चेहरों की हमेशा कमी रही है जिनका कोई आधार हो या जिन्हें पूरे पंजाब में लोग जानते पहचानते हों। इसलिए भाजपा ने अन्य दलों से कई वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों को पार्टी में शामिल करने से गुरेज नहीं किया।

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