अन्तर्राष्ट्रीय

काबुल से प्रमुख राजनयिकों और 300 अमेरिकी नागरिकों समेत 1,200 लोगों की सुरक्षित वापसी : बाइडन प्रशासन

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि बाइडन की मंगलवार को दी गई समयसीमा समाप्त होने से पहले अमेरिका ने काबुल में राजदूत रास विल्सन समेत सभी प्रमुख राजनयिकों को अंतत: अमेरिका वापस बुला लिया है। इसके अलावा बीते 24 घंटे में तीन सौ अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 1200 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला गया है। हालांकि अभी भी एयरपोर्ट पर और ड्रोन हमले होने का खतरा मंडरा रहा है। व्‍हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक 26 अमेरिकी सैन्य उड़ानों ने लगभग 1,200 लोगों निकाला जबकि दो गठबंधन फ्लाइट के जरिए 50 लोग निकाले गए।

व्हाइट हाउस ने सोमवार को बताया कि जुलाई के बाद से अब तक अमेरिका ने अफगानिस्तान से 1,22,300 लोगों को निकाला है। अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत रास विल्सन ने ट्वीट कर कहा कि निकासी अभियान जोरशोर से चल रहा है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने दोहराया है कि तालिबान को अपना वादा पूरा करना चाहिए। काबुल में हवाई हमला करने की पुष्टि से थोड़ी देर पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में यह सबसे घातक समय है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के नए अलर्ट के बावजूद सैन्य कार्रवाई के आदेश जारी होने के बीच अमेरिकियों को काबुल से निकालने का अभियान अनवरत जारी रहा है।

इसके साथ ही खतरे को देखते हुए लोगों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा गया है। बाइडन के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि जो अमेरिकी तय समयसीमा से पहले काबुल छोड़कर जाना चाहते थे, हमने उन तीन सौ अमेरिकियों को वापस भेज दिया है। तकरीबन इतने ही अमेरिकी नागरिक एयरपोर्ट पर मौजूद भी थे। इसलिए मेरा कहना है कि अभी भी मौका है जो अमेरिका यहां से जाना चाहते हैं, वह एयरपोर्ट पहुंचे उन्हें सुरक्षित वापस भेजा जा सकता है।

सुलिवन ने कहा कि आगे भी हम पूरी कोशिश करेंगे कि वैध अमेरिकी नागरिकों को यहां से जाने का सुरक्षित रास्ता मिल जाए। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि उनकी सरकार उम्मीद करती है कि तालिबान अपनी सभी प्रतिबद्धताओं और वादों का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर तालिबान के कई बयान सुने हैं। इनमें से उनके कुछ बयान सकारात्मक हैं। लेकिन जो हमारे अंतरराष्ट्रीय साझीदार देखना चाहते हैं, वह उनका काम है, बातें नहीं।

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