नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच विवादित बयानबाजी कर घिरे कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं कांग्रेस ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इसकी जानकारी खुद पार्टी के नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है.”
दरअसल, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की रंगभेद के जरिए विवादित रूप से तुलना करते नजर आ रहे हैं. वीडियो में पित्रोदा पूर्वी भारत के लोगों की तुलना चीनी और दक्षिण भारत के लोगों की तुलना अफ्रीकी लोगों से करते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर कांग्रेस निशाने पर है. हालांकि पार्टी ने पित्रौदा के बयान से किनारा कर लिया है.
सैम पित्रोदा के इस बयान पर अब कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस पार्टी ने पित्रोदा के बयान से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा है कि सैम पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट में भारत की विविधता को दर्शाने के लिए जो तुलना की है, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह अलग करती है.
वीडियो में सैम पित्रोदा कहते हैं कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं. लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता. हम सभी भाई-बहनें हैं. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है.
इससे पहले सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स को दिए बयान पर विवाद हो गया था. उन्होंने ये बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था. पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है.
उन्होंने कहा था कि ये बहुत ही रोचक कानून है. इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है. लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है. उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता. मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा. हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में हो. मालूम हो कि पित्रोदा के इस बयान पर खूब विवाद हुआ था.