स्पोर्ट्स डेस्क : क्लीवलैंड में ‘टेनिस इन द लैंड’ टूर्नामेंट में खेल रही भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने अपनी अमेरिकन जोड़ीदार क्रिस्टीना मेकल के साथ फाइनल में एंट्री की. इससे पहले उन्होंने क्वार्टरफाइनल राउंड में बड़ा उलटफेर करके सेमीफाइनल में जगह बना ली. अपनी इस जीत के बाद उन्होंने देश के लिए अहम संदेश भी दिया.
सानिया मिर्जा ओलंपिक में कुछ खास कमाल नहीं कर सकी थीं. उन्होंने विशेष रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था और उनकी और अंकिता रैना की जोड़ी महिला डबल्स के पहले ही राउंड में बाहर हुई थी. इस पर सानिया मिर्जा को काफी ट्रोल किया गया था. हालांकि अब वो धीरे-धीरे फॉर्म में लौट रही हैं.
सानिया और क्रिस्टीना ने सेमीफाइनल में एक घंटे 23 मिनट तक चले मैच में नार्वे की उल्रिक्के इकेरी और अमेरिका की कैथरीन हैरीसन को 7-6, 6-2 से हराया. अब उनका मैच शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान की शुको ओयामा और इना शिबाहारा से होगा. सानिया और क्रिस्टीना ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाया है. पिछले दो मैचों में उनकी जोड़ी ने एक भी सेट गंवाये बिना जीत हासिल की है.
इससे पहले क्वार्टरफाइनल में सानिया और मेकल ने चेक गणराज्य की लूसी राडेस्का और चीन की शुआई झांग को 6-3, 6-3 से हराया. उन्होंने नौ ब्रेक प्वाइंट में से पांच भुनाकर आसान जीत हासिल की. उन्होंने पहले दौर में जॉर्जिया की ओकसाना कालाश्निकोवा और रोमानिया की आंद्रिया मितू को 6-3, 6-2 से हराया था.
सेमीफाइनल की जीत के बाद सानिया अपने बेटे इजहान के साथ स्टेज पर आईं. उन्होंने जीत के बाद बोला दुनिया भर की औरतों को संदेश दिया कि वो मां बनकर कुछ भी कर सकती हैं.
बेटे का हाथ थामे सानिया ने बोला कि, मैं ऐसी जगह से आती हूं जहां माना जाता है कि मां बनने के बाद एक औरत का करियर खत्म हो जाता है मैं उन्हें ये साबित करने की कोशिश कर रही हूं कि मां बनना अंत नहीं है बल्कि एक नई जिंदगी की शुरुआत है.