जीवन बचाने की संजीवनी सिद्ध हुई हैं संजीवनी 108 एम्बुलेंस : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संजीवनी 108 एंबुलेंस वास्तव में संजीवनी की तरह कार्य करती है। बीमार, घायल या दुर्घटनाग्रस्त को यदि समय पर अस्पताल पहुँचाकर इलाज मिल जाए, तो उसका जीवन बचाया जा सकता है। संजीवनी 108 एंबुलेंस लोगों का जीवन बचा कर अपने संजीवनी नाम को चरितार्थ कर रही हैं। आज नवीन एंबुलेंस वाहनों के संचालन का लोकार्पण कार्यक्रम वास्तव में लोगों की जिंदगी बचाने का अभियान है। मुख्यमंत्री चौहान लाल परेड ग्राउण्ड भोपाल में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं के विस्तार के लिये एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रणाली में 108 संजीवनी एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री चौहान ने सिंगल क्लिक से “एमपी 108 संजीवनी” एप भी लांच किया। कार्यक्रम में एंबुलेंस सेवा पर केंद्रित लघु फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने 2052 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया और एबुलेंस चालक राम पांडे, शिवम कुशवाह तथा सचिन अग्रवाल को एम्बुलेंस की चाबी सौंपी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 38 जिला चिकित्सालयों में सीटी स्केन मशीनों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में चिकित्सकों की नियुक्ति का अभियान जारी है। हाल ही में 374 चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने चिकित्सकों से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इन विद्यार्थियों को ग्रामीण क्षेत्र में तीन साल तक सेवाएँ देना होंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 196 डॉयलिसिस मशीनों से नि:शुल्क डॉयलिसिस किया जा रहा है। जिला चिकित्सालयों और सिविल अस्पलातों में डिजिटल एक्स-रे व्यवस्था करा दी गई है। आगामी वर्ष तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर भी डिजिटल एक्स-रे की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार मानते हुए कहा कि उन्होंने आयुष्मान योजना बनाई, जिससे 5 लाख रूपए तक का इलाज सरकारी और निजी अस्पताल में नि:शुल्क कराया जा सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार कर रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश का कोई भी गरीब और निम्न वर्ग का व्यक्ति बिना इलाज के न रहे। राज्य सरकार रोगियों को नवजीवन देने और प्रदेश को रोग मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ का कार्य केवल नौकरी नहीं है, मरीजों और उनके परिजन के लिए ये भगवान के समान हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 313 विकासखण्डों में स्वास्थ्य शिविर आयेाजित किए गए। ग्रीष्म ऋतु के बाद सभी जिलों में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर लगाकर गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का परीक्षण कराया जाएगा। मरीजों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिला अस्पतालों में पैथालॉजी की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू वार्ड प्रारंभ हो गए हैं। बच्चों के वार्ड भी प्रत्येक जिला अस्पताल में बना दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के बजट में इस वर्ष 29 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रत्येक 25 हजार की आबादी पर मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त और वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के मार्गदर्शन में एम्बुलेंस सेवा और उनकी कार्य-प्रणाली में सुधार किया गया। मुख्यमंत्री के प्रयासों से मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आया है। प्रदेश का जन-भागीदारी मॉडल देश में अनुकरणीय बना है। मंत्री डॉ. चौधरी ने आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं के विस्तार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हितग्राही और एम्बुलेंस की रियल टाइम लोकेशन प्राप्त करने के साथ संबंधित अस्पतालों को पूर्व सूचना देने की व्यवस्था भी की गई है। एमपी 108 संजीवनी एप के माध्यम से नि:शुल्क एम्बुलेंस बुलवाई जा सकेगी। आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए आवश्यकतानुसार अस्पतालों की मैपिंग की गई है। आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एप में अस्पतालों की सूची तथा अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का विवरण भी दिया गया है। प्रदेश में अब संचालित होने वाली 108 संजीवनी एंबुलेंस की संख्या 1002 हो जाएगी। इसी प्रकार 1050 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस का संचालन होगा। एंबुलेंस सेवा के लिए विकसित 108 कॉल सेंटर में अब 110 सीटों की उपलब्धता होगी। यह लोगों की जिंदगी बचाने का काम करेगी। एम्बुलेंस पहले मात्र शासकीय अस्पताल के लिए उपलब्ध थी। अब यह आयुष्मान योजना के दो करोड़ 82 लाख परिवारों के लिए भी उपलब्ध रहेगी। निजी अस्पताल में भर्ती होने के लिए भी शुल्क देकर एम्बुलेंस बुलाई जा सकेगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सांरग ने कहा कि आज का दिन प्रदेश के लिए ऐतिहासिक है। स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरस्त रखना कल्याणकारी राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता है। एम्बुलेंस सेवाओं के विस्तार से दूरस्त क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने विकास की नई अवधारणा प्रस्तुत की है। कार्यक्रम में सासंद सुप्रज्ञा ठाकुर, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, विधायक विष्णु खत्री, श्रीमती कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।