संतूर वादक भजन सोपोरी का 74 साल की उम्र में निधन, अस्पताल में ली अंतिम सांस
मुंबई : मशहूर (Famous) संतूर वादक (Santoor player) और पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित भजन सोपोरी 74 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह गए। भजन सोपोरी का गुरुग्राम के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पंडित बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और गुरुवार को उनका निधन हो गया। उनके जाने से संगीत जगत में शोक का माहौल है। पंडित भजन सोपोरी का जन्म 1948 में श्रीनगर में हुआ था।
वो एक शिक्षक, कवि, लेखक, संगीतकार, संगीतज्ञ और कलाकार थे। पंडित साल 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे। पंडित का पूरा नाम भजन लाल सोपोरी था। उनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादक थे और उनके बेटे अभय रुस्तम सोपोरी भी एक संतूर वादक है। इतना ही नहीं पंडित भजन सोपोरी की छह पीढियां संगीत से जुड़ी है। पंडित भजन सोपोरी ‘सोपोरी एकेडमी फॉर म्यूजिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स’ के संस्थापक भी हैं।
वो अपने इस संस्थान के जरिए शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना चाहते थे। पंडित भजन सोपोरी अपने संगीत करियर में लगभग चार हजार से अधिक गीतों को कंपोज कर चुके थे। उन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था। जिसमें संस्कृत और अरबी भी शामिल है। उनके गीत में देशभक्ति गीत ‘हम होंगे कामयाब’, ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ और ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ जैसे गीत भी शामिल है।