नई दिल्ली/मसूरी: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती यानी राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रविवार को सरदार पटेल नेतृत्व केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया गया।
नई पीढ़ी के सिविल सेवकों के लिए नई पीढ़ी के सुधार को रेखांकित करते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, पारदर्शिता, जवाबदेही और जन-केंद्रित वितरण तंत्र को बढ़ाना नई पीढ़ी की आधारशिला होना चाहिए। सिंह ने सिविल सेवकों के नए बैच को संबोधित करते हुए लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के 75वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन का जिक्र करते हुए कहा, आज दुनिया भी गवाह है कि भारत कैसे शासन का एक नया अध्याय लिख रहा है। अमृत काल के दशक में हम अगली पीढ़ी के सुधारों को प्राथमिकता देंगे।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए मोदी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया कि सेवा वितरण जैसी सभी सुविधाएं अंतिम मील तक नागरिकों तक पहुंचनी चाहिए और यह बिना किसी हिचकिचाहट या किसी भी कठिनाई के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। सिंह ने सरदार पटेल लीडरशिप सेंटर की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा, इस केंद्र का उद्देश्य सिविल सेवकों की भावी पीढ़ियों के लिए क्षमता निर्माण की नींव रखना है, ताकि वे दुनियाभर में नेतृत्व की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखें।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक के. श्रीनिवास ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना के पीछे का उद्देश्य एक सिविल सेवक को सरदार पटेल लीडरशिप सेंटर के साथ लगातार संपर्क में रहने में सक्षम बनाना है। एक ऐसी संस्था जो उन्हें उन्नत कौशल प्रदान कर सकती है और निजी रास्ते के लिए मार्गदर्शन दे सकती है।