राजनीति

‘सिर्फ फोटोबाजी नहीं, इन सवालों का जवाब दे सरकार’, मोदी-जिनपिंग मुलाकात पर भड़के ओवैसी

Asaduddin Owaisi Remark on Modi-Jinping meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान हुई मुलाकात अब देश में भी राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है। जहां इस बैठक को दोनों देशों के संबंधों के लिए अहम माना जा रहा है, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस मुलाकात को महज एक ‘फोटो सेशन’ करार देते हुए कहा कि जिन गंभीर मुद्दों पर देश सरकार से जवाब चाहता है, उन पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। ओवैसी ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी बात रखते हुए इस मुलाकात को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बैठक में असली मुद्दों पर तो चर्चा ही नहीं हुई। ओवैसी ने आरोप लगाया कि चीन लगातार पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है ऑपरेशन सिंदूर के समय चीन की संलिप्तता और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को अफगानिस्तान तक बढ़ाने की कोशिश में है, लेकिन सरकार इस पर चुप है। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात सार्थक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने में पूरी तरह से विफल रही और देश को इससे कोई ठोस परिणाम नहीं मिला।

सीमा विवाद से लेकर व्यापार तक, कई अनसुलझे सवाल
ओवैसी ने सीमा सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि लद्दाख में हालात आज भी चिंताजनक हैं। हमारे बहादुर सैनिक बफर जोन में गश्त नहीं कर पा रहे हैं और 2020 से हमारे पशुपालकों को कई महत्वपूर्ण चारागाहों तक जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की ओर से नदी के जल प्रवाह से जुड़े आंकड़ों को साझा करने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है। ओवैसी ने कहा कि इन अहम मसलों पर कोई स्पष्टता नहीं मिली, जो सीधे तौर पर देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हैं।

आर्थिक मोर्चे पर भी कोई वादा नहीं
असदुद्दीन ओवैसी ने आर्थिक मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में चीन की तरफ से यह वादा भी नहीं किया गया कि वह भारत के लिए ‘रेयर अर्थ मटेरियल’ और अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति फिर से शुरू करेगा। इसके अलावा, चीन ने भारत से आयात बढ़ाने को लेकर भी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई। ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा, “ये सभी मुद्दे भारतीयों के लिए मायने रखते हैं, न कि जैकेट का रंग या कालीन की लंबाई।” उन्होंने स्पष्ट किया कि देश को दिखावे की नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई और स्पष्ट जवाबों की जरूरत है।

Related Articles

Back to top button