नई दिल्ली : ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या (Shani Sade Sati And Dhaiya) शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं।
शनिदेव 2025 में राशि परिवर्तन करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन का सीधा-सीधा प्रभाव पांच राशियों पर पड़ता है। इस समय कुंभ, मकर व मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि के राशि परिवर्तन करने से मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी और वृश्चिक, कर्क राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है। 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के राशि परिवर्तन करते ही कुछ राशियों को शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
इन राशियो को मिलेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति
शनि के मीन राशि में प्रवेश करते ही मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी। शनि के राशि परिवर्तन करने से कर्क व वृश्चिक राशि के जातकों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होगी। शनि गोचर से कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण, मीन राशि पर दूसरा और मेष राशि में पहला चरण प्रारंभ होगा। इसके साथ ही शनि के गोचर से सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या प्रारंभ हो जाएगी।