SBI के चेयरमैन को बैंक की बिगड़ती हालत सुधारने के लिए केवल भगवान का सहारा
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार के पास इसकी वित्तीय हालत को सुधारने के लिए केवल भगवान का सहारा ही बचा है। उनका मानना है कि बैंक की वित्तीय हालत सुधारने में केवल ईश्वर ही उनकी मदद कर सकता है।
इसलिए कही यह बात
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बैंक को हाल ही में उम्मीद से काफी कम मुनाफा हुआ था। फिलहाल बैंक के तीन बड़े एनपीए खातों का मामला दिवालिया अदालत (एनसीएलटी) में चल रहा है। वहां से बैंक को करीब 16 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। कुमार कहते हैं, ‘हर सुबह, मैं आसमान की तरफ देखता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि एनसीएलटी में गए तीनों बड़े खातों का जल्द से जल्द निपटारा हो जाए। इससे हमें 16,000 करोड़ रुपये से अधिक रकम मिलेगी।’
एनसीएलटी में चल रहे तीन बड़े मुकदमे
एस्सार स्टील, भूषण पावर एंड स्टील तथा आलोक इंडस्ट्रीज के मामले एनसीएलटी में हैं, जिनके बैड लोन के लिए एसबीआई को 100 फीसदी प्रोविजनिंग करनी पड़ी है। दिवाला एवं दिवालिया संहिता के तहत आए मामलों पर फैसला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) लेता है।
4,106 करोड़ के मुनाफे की थी उम्मीद
बैंक को 4,106 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रेजरी और रिटेल सेगमेंट के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कॉर्पोरेट को दिया गया ऋण डूबने की वजह से उसका मुनाफा उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। भारतीय स्टेट बैंक को वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,312.02 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 4,875.85 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। बैंक की आय बढ़ने और फंसे कर्ज की राशि में कमी आने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है।
आय में इजाफा, एनपीए घटा
बैंक की आय बढ़कर 70,653.23 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक की एकल आय 65,492.67 करोड़ रुपये रही थी। बैंक की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) उसके कुल कर्ज के मुकाबले घटकर 7.53 फीसदी रह गई है। साल दर साल के आधार पर पिछले साल जून में यह 10.69 फीसदी पर रहा था। इसी प्रकार जून में समाप्त तिमाही के दौरान शुद्ध एनपीए कम होकर 3.07 फीसदी रह गया जो कि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 5.29 फीसदी रहा था।